एक दिन पहले संयुक्त राष्ट्र में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने आतंकवाद पर चीन और पाकिस्तान पर जमकर हमला बोला था। जयशंकर ने कहा था कि लश्कर के आतंकी को जब ब्लैक लिस्ट करने की बारी आती है तो कुछ देश दंड मुक्ति की बाते करते हैं।
उधर, चीन ने भारत और उसके संबंधों की दुहाई दी है। भारत में चीनी दूतावास के प्रभारी मा जिया ने कहा कि उनका देश दृढ़ता से चीन और भारत के संबंधों की सही दिशा पर कायम है और इस बात पर जोर दिया कि दोनों देशों को एक-दूसरे को कमजोर करने और संदेह करने में शामिल नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा कि भारत और चीन तो शाश्वत पड़ोसी हैं।
एक आधिकारिक प्रेस विज्ञप्ति में चीनी राजदूत मा जिया ने कहा, “हमें उम्मीद है कि हम चीन-भारत संबंधों की सही दिशा पर दृढ़ता से कायम रहेंगे। चीन और भारत शाश्वत पड़ोसी हैं जिन्हें एक-दूसरे के रणनीतिक इरादों को सटीक रूप से समझने की जरूरत है। हमे एक-दूसरे को कमजोर करने और संदेह करने के बजाय एक-दूसरे की सफलता में समर्थन और योगदान करने की जरूरत है।”
चीनी दूत ने आधिकारिक विज्ञप्ति में पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना की स्थापना की 74वीं वर्षगांठ पर सुझाव दिया है कि चीन और भारत दोनों को भू-राजनीतिक गणना से दूर रखना चाहिए। उन्होंने कहा, “हमें संयुक्त रूप से जीरो-सम गेम्स का विरोध करने और अपने क्षेत्र को भू-राजनीतिक गणनाओं से दूर रखने की जरूरत है। चीन और भारत के पास मैत्रीपूर्ण सह-अस्तित्व का रास्ता खोजने और संयुक्त रूप से “एशियाई सदी” बनाने की क्षमता और ज्ञान है।
जिनपिंग-मोदी की मुलाकात और शिखर सम्मेलन का जिक्र
मा जिया ने कहा कि चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग और भारतीय प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के दौरान बातचीत की और सीमा पर सामान्य स्थिति स्थापित करने के लिए संचार स्थापित किया। उन्होंने कहा, “इस साल राष्ट्रपति शी जिनपिंग और प्रधान मंत्री मोदी ने एससीओ और ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में भाग लिया और ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के दौरान बातचीत की। प्रधान मंत्री ली कियांग ने नई दिल्ली में 18 वें जी 20 नेताओं के शिखर सम्मेलन में भाग लिया। दोनों पक्षों ने संचार बनाए रखा है।”
द्विपक्षीय व्यापार
उन्होंने आगे कहा, “द्विपक्षीय व्यापार भी बढ़ा है। इस साल के पहले सात महीनों में दोनों देशों के बीच व्यापार 77.6 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंच गया है। दोनों देशों के बीच लोगों का आदान-प्रदान लगातार बढ़ रहा है।” दोनों देशों के बीच मतभेदों को सामान्य करने की उम्मीद करते हुए, उन्होंने कहा कि भारत और चीन दोनों के बीच के मुद्दे बचे हैं जिन्हें हल करने में समय लगेगा।
जी-20 पर भारत की तारीफ
मिया ने भारत की जी20 की अध्यक्षता की भी सराहना की और कहा कि चीन दृढ़ता से विकासशील देशों के पक्ष में खड़ा है। प्रेस विज्ञप्ति का हवाला देते हुए, उन्होंने कहा, हमें दोनों देशों के बीच मैत्रीपूर्ण सहयोग की समग्र स्थिति को मजबूत करने और विकसित करने की आवश्यकता है। द्विपक्षीय संबंधों को परिभाषित करने के बजाय विशिष्ट मुद्दों का प्रबंधन और समाधान करना चाहिए, ताकि हमारे बीच अधिक परिपक्व और स्थिर संबंधों को बढ़ावा दिया जा सके।”