यूनिफॉर्म सिविल कोड यानी समान नागरिक संहिता को लेकर आम आदमी पार्टी के अंदर एकमत नहीं कायम हो पा रहा है। कुछ दिन पहले दिल्ली में आप नेता संदीप पाठक ने यूसीसी का समर्थन किया था। वहीं, मंगलवार को पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने इसको लेकर अलग ही बयान दिया है।
उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी एक सेकुलर पार्टी है और वोट के लिए किसी भी बंटवारे वाली रणनीति का समर्थन नहीं करेगी। गौरतलब है कि 28 जून को आप नेता संदीप पाठक ने कहा था कि उनकी पार्टी यूसीसी पर सैद्धांतिक रूप से सहमत है।
यूसीसी को बताया भाजपा का एजेंडा
चंडीगढ़ में मीडिया से बात करते हुए मान ने कहा कि हमारा देश एक गुलदस्ते की तरह है। इसमें सभी रंग के फूल हैं। यहां पर सभी धर्मों और उनकी मान्यताओं का सम्मान किया जाना चाहिए। उन्होंने भाजपा पर सवाल उठाते हुए कहा कि आखिर इतने संवेदनशील विषय को यह लोग क्यों छेड़ते रहते हैं। मान ने कहा कि उन्हें संविधान का पालन करना चाहिए, जिसमें कहा गया है कि अगर सभी लोग सामाजिक रूप से एक हैं तो यूसीसी लागू हो सकती है। पंजाब के मुख्यमंत्री ने कहा कि यह चुनाव के दौरान लोगों को बांटने का भाजपा का एजेंडा है। आम आदमी पार्टी एक सेकुलर पाटी है और वह ऐसे किसी भी एजेंडा का समर्थन नहीं करती। गौरतलब है कि दिल्ली में यूसीसी पर पाठक के बयान के बाद पंजाब में विपक्षी दलों ने सत्ताधारी आपको निशाने पर लेना शुरू कर दिया था। इन दलों ने आप पर 2024 के लोकसभा चुनाव से पूर्व केंद्र की भाजपा सरकार के विभाजनकारी एजेंडे को समर्थन देने का आरोप लगाया था। वहीं, शिरोमणि अकाली दल ने मुख्यमंत्री मान से कहा था कि वह आगे आकर मामले में सफाई दें।
अध्यादेश पर मांगा कांग्रेस का समर्थन
पंजाब के मुख्यमंत्री ने अपने बयान में कांग्रेस से केंद्र सरकार के अध्यादेश के खिलाफ समर्थन की भी गुहार लगाई है। उन्होंने कहा कि आप एक राष्ट्रीय पार्टी है। 2024 में हमें देश को बचाना है। अगर यह लोग संविधान बदल देते हैं तो फिर देश का क्या? मान ने कहा कि अध्यादेश असंवैधानिक है। अगर उन्हें ऐसा करने की अनुमति मिलती है तो वह आगे चलकर सभी राज्यों में संघीय ढांचे पर हमला कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि ऐसा होने पर कांग्रेस भी प्रभावित होगी, इसलिए उसे अध्यादेश का विरोध और आप का समर्थन करना चाहिए। मान ने यह भी कहा कि उनकी सरकार पेंडिंग ग्रामीण विकास कोष (आरडीएफ) के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट का रुख कर रही है, जिसे केंद्र ने पिछले दो साल से रोक रखा है। उन्होंने कहा कि केंद्र के पास 3,800 करोड़ रुपये की राशि पेंडिंग है। मान ने कुछ दिन पहले केंद्र को फंड जारी करने का अल्टीमेटम दिया था और सुप्रीम कोर्ट जाने की धमकी दी थी।