कतर में भारत को बड़ी कूटनीतिक जीत मिली। यहां पिछले साल दिसंबर महीने में कतर की अदालत ने 8 पूर्व भारतीय नौसेना के जवानों को फांसी की सजा सुनाई थी लेकिन, भारत सरकार ने इस मामले में हार नहीं मानी और अब दोहा की अदालत भारतीय जवानों की रिहाई के आदेश दे चुकी है।
इनमें से सात तो वापस वतन भी लौट चुके हैं। भारतीय विदेश मंत्रालय ने इस मामले में बयान जारी किया है। बताया कि कतर से नौसेना के पूर्व जवानों की वापसी के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर्सनली निगरानी कर रहे थे।
भारतीय विदेश मंत्रालय ने सोमवार को एक बयान में कहा कि “प्रधानमंत्री ने व्यक्तिगत रूप से इस मामले में घटनाक्रम की लगातार निगरानी की है।” विदेश मंत्रालय ने बताया है, “भारत सरकार उन आठ भारतीय नागरिकों की रिहाई का स्वागत करती है जो दाहरा ग्लोबल कंपनी के लिए काम कर रहे थे और जो क़तर में हिरासत में थे।”
गौरतलब है कि आठ पूर्व भारतीय नौसेनिकों की गिरफ़्तारी का मामला दोनों देशों के बीच कूटनीतिक तनाव को बढ़ा रहा था। कतर ने इन्हें अगस्त 2022 में गिरफ्तार किया था लेकिन गिरफ्तारी का कारण कभी सार्वजनिक नहीं किया।
भारत ने कतर की अदालत के फैसले के खिलाफ याचिका भी दायर की थी। जिसके बाद दोहा की अदालत ने फांसी की सजा को जेल की सजा में तब्दील कर दिया था। ऐसी रिपोर्ट थी कि कतर रमजान से पहले 8 भारतीयों को रिहा कर सकता है हालांकि रिहाई की घोषणा पीएम नरेंद्र मोदी के कतर दौरे से ठीक पहले हुई है।
पीएम मोदी का कतर दौरा
नौसेना के पूर्व दिग्गजों की रिहाई की घोषणा के तुरंत बाद विदेश मंत्रालय ने 14 फरवरी को प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की कतर की राजधानी दोहा की यात्रा की घोषणा की। विदेश सचिव विनय क्वात्रा ने एक मीडिया ब्रीफिंग में कहा, “संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) की अपनी यात्रा पूरी करने के बाद, प्रधान मंत्री 14 फरवरी दोपहर को दोहा, कतर की यात्रा करेंगे।”