प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आज राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा का जवाब दे रहे थे। उन्होंने अपने भाषण की शुरुआत में कहा कि भारत की आजादी के इतिहास में हमारी संसदीय लोकतांत्रिक यात्रा में बहुत दशकों के बाद देश की जनता ने एक सरकार को तीसरी बार देश की सेवा करने के लिए चुना है।
60 साल के बाद यह हुआ है कि 10 साल के बाद कोई एक सरकार फिर से उसकी वापसी हुई है और मैं जानता हूं कि भारत के लोकतंत्र में 6 दशक के बाद हुई यह घटना असामान्य है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संबोधन के दौरान विपक्ष राज्यसभा में रुक-रुककर हंगामा किया। इसके बाद पूरा विपक्ष सदन से वॉकआउट कर गया। राज्यसभा के सभापति ने विपक्ष के इस कदम का आलोचना की है।
PM Modi Rajya Sabha Speech Highlights:
>> मणिपुर की स्थिति सामान्य करने के लिए सरकार निरंतर प्रयासरत है। वहां जो घटनाएं घटीं, 11 हजार से ज्यादा FIR की गईं हैं, 500 से ज्यादा लोग अरेस्ट हुए हैं। इस बात को भी हमें स्वीकार करना होगा कि मणिपुर में लगातार हिंसा की घटनाएं कम होती जा रही हैं> मणिपुर में भी स्कूल-कॉलेज संस्थान खुले हुए हैं। जैसे देश में परीक्षाएं हुईं, वहां भी परीक्षाएं हुई हैं। केंद्र सरकार और राज्य सरकार सभी से बातचीत करके सौहार्द का रास्ता खोलने की कोशिश कर रही है।
छोटे-छोटे ग्रुपों से बात की जा रही है। गृहमंत्री वहां जाकर कई दिन रहे हैं। अधिकारी भी लगातार जा रहे हैं। समस्या के समाधान के लिए हर प्रकार से प्रयास किया जा रहा है।
>> हमने पिछले पांच साल में जितना काम किया है, उतना काम करना होता तो कांग्रेस को 20 साल लग जाते। नॉर्थईस्ट में स्थायी शांति के लिए 10 साल निरंतर प्रयास किए गए हैं। बिना रुके, बिना थके प्रयास किए गए हैं। उसकी चर्चा देश में कम हुई है, लेकिन परिणाम व्यापक रहे हैं। राज्यों के बीच सीमा विवाद संघर्षों को जन्म देता रहा है और आजादी के बाद से ये निरंतर चलता रहा है। हम राज्यों के साथ इसे हल करते जा रहे हैं। ये नॉर्थईस्ट की बहुत बड़ी सेवा है। हिंसा से जुड़े संगठन, जो हथियारबंद गिरोह थे जो लड़ाई लड़ते रहते थे, आज उनको साथ लेकर स्थायी समझौते हो रहे हैं। जिनके खिलाफ गंभीर मामले हैं, वे अदालत में जाने के लिए तैयार हो रहे हैं। न्यायतंत्र में भरोसा बढ़ना महत्वपूर्ण बात है।
>> जब खड़गे जी ऐसा बोलते हैं तब पीड़ा होती है। संविधान पर जब बुल्डोजर चला दिया गया, करोड़ों लोगों को यातनाएं दी गईं और उनका जीना मुश्किल कर दिया गया था, क्या वो भूल गए? वह कौन सा संविधान था जिसको लेकर आपने सात साल लोकसभा चलाई और सत्ता की मौज लेते रहे, आप हमें संविधान सिखाते हो। दर्जनों आर्टिकल्स को, संविधान की आत्मा को छिन्न-भिन्न करने का पाप इन लोगों ने किया था। इनके मुंह से संविधान की बात शोभा नहीं देती, ये पाप करके बैठे हुए लोग हैं।
>> प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुलायम सिंह के बयान का जिक्र कर अखिलेश यादव पर हमला बोला। उन्होंने कहा, ‘मुलायम सिंह यादव ने कहा था कि कांग्रेस ने जांच एजेंसियों का दुरुपयोग किया।’
>> प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राज्यसभा में कांग्रेस और आम आदमी गठजोड़ पर भी तंज कसा। उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी के घोटालों की सबूत आम आदमी पार्टी देती है। अगर हम उनके खिलाफ कार्रवाई करते हैं तो इन्हें दिक्कत हो जाती है। क्या कांग्रेस ने झूठे सबूत दिए थे?
>> संविधान के प्रति के सहारे अपने कारनामे छुपाने की कांग्रेस कोशिश कर रही है। पुराने पाप नहीं धुलते हैं। कांग्रेस को सिर्फ एक परिवार की चिंता है। ये परजीवी कांग्रेस है। जहां अकेले लड़ी वहां खत्म हो गई।
>> प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संविधान के बहाने कांग्रेस पर खूब हमला बोला। उन्होंने कहा कि कांग्रेस को संविधान की बात करना शोभा नहीं देता। हमने इमरजेंसी को काफी नजदीक से देखा है। मैं पूरी गंभीरता के साथ कहता हूं कि कांग्रेस सबसे बड़ी संविधान विरोधी पार्टी है।
>> क्या यह एक और असफल लॉन्चिंग की खुशी है? क्या यह नर्वस 90 की खुशी है? क्या यह कांग्रेस की लगातार तीसरी हार की खुशी है?
>> जो घटना संदेशखाली में हुई, जिसकी तस्वीरें रोंगटे खड़े कर देने वाली हैं, लेकिन बड़े बड़े दिग्गज जिनको मैं कल से सुन रहा हूं, पीड़ा उनके शब्दों में भी नहीं झलक रही है। इससे बड़ा शर्मिंदगी का चित्र क्या हो सकता है? जो लोग खुद को प्रगतिशील नारी नेता मानते हैं, वो भी मुंह पर ताले लगाकर बैठ गए हैं। क्योंकि घटना का संबंध उनके राजनीतिक जीवन से जुड़े दल से या राज्य से है।
>> देश का दुर्भाग्य है कि संवेदनशील मामलों में जब राजनीति होती है, तो देशवासियों को और खासकर महिलाओं को अकल्प पीड़ा होती है। ये जो महिलाओं के साथ होते अत्याचार में विपक्ष का सेलेक्टिव रवैया है, ये सेलेक्टिव रवैया चिंताजनक है।
>> वैश्विक संकटों की वजह से कुछ समस्याएं उत्पन्न हुईं, लेकिन हमने 12 हजार करोड़ रुपये की सब्सिडी देकर इसका असर किसानों पर नहीं पड़ने दिया। हमने कांग्रेस के मुकाबले कहीं अधिक पैसा किसानों तक पहुंचाया। अन्न भंडारण का विश्व का सबसे बड़ा अभियान हमने हाथ में लिया और इस दिशा में काम चल पड़ा है।
>> मैं तो कर्तव्य से बंधा हुआ हूं, मैं यहां डिबेट पर स्कोर करने नहीं आया हूं। मैं तो देश का सेवक हूं, देशवासियों को मेरा हिसाब देने आया हूं। देश की जनता को मेरे पल-पल का हिसाब देना, मैं अपना कर्तव्य मानता हूं।
>> आने वाले पांच साल मूल्य सुविधाओं के संतृप्ति के लिए और गरीबी के खिलाफ लड़ाई के लिए हैं। आने वाले पांच वर्ष गरीब जब गरीबी के खिलाफ लड़ाई के लिए एक सामर्थ्य के साथ खड़ा हो जाता है और फिर वह सफलता को प्राप्त करता है इसलिए आने वाले 5 साल गरीबी के खिलाफ निर्णायक वर्ष है और यह देश गरीबी के खिलाफ विजयी होकर उभरेगा और यह बात मैं पिछले 10 वर्षों के अनुभव के आधार पर कह रहा हूं। जब भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा तो इसका असर जीवन के हर क्षेत्र पर पड़ेगा।
>> राज्यसभा में जब पीएम मोदी राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर बोल रहे थे तो विपक्षी सांसदों ने विरोध किया, नारे लगाए और वॉकआउट किया। विपक्षी सांसदों का कहना है कि विपक्ष के नेता को बोलने की अनुमति नहीं दी गई और उन्हें इसकी अनुमति दी जानी चाहिए। इस दौरान पीएम मोदी ने कहा, “देश देख रहा है कि झूठ फैलाने वालों में सच सुनने की ताकत नहीं है। जिनमें सत्य का सामना करने का साहस नहीं है, उनमें इन चर्चाओं में उठे प्रश्नों के उत्तर सुनने का साहस नहीं है। वे उच्च सदन का, उच्च सदन की गौरवशाली परंपरा का अपमान कर रहे हैं।”
>> संसद से विपक्ष ने वॉकआउट किया। इसके बाद सभापति ने विपक्ष की तीखी आलोचना की। उन्होंने इसे संसद का अपमान बताया। उन्होंने कहा कि मैंने इनसे प्रधानमंत्री का जवाब सुनने का अनुरोध किया था, लेकिन ये पीठ दिखाकर चले गए।
>> भारत की आजादी की इतिहास में हमारे संसदीय लोकतांत्रिक यात्रा में कई दशकों के बाद देश की जनता ने एक सरकार को लगातार तीसरी बार सेवा करने का मौका दिया। 60 साल बाद ऐसा हुआ है कि सरकार 10 साल तक सत्ता में रहने के बाद वापस लौटी है। यह कोई सामान्य बात नहीं है। कुछ लोगों ने जानबूझकर जनता द्वारा दिए गए इस फैसले को धूमिल करने की कोशिश की।
>> नतीजे आए तब से हमारे एक साथी की ओर से (हालांकि उनकी पार्टी उनका समर्थन नहीं कर रही थी) बार-बार ढोल पीटा गया था कि एक तिहाई सरकार। इससे बड़ा सत्य क्या हो सकता है कि हमारे 10 साल हुए हैं, 20 और बाकी हैं। एक तिहाई हुआ है, दो तिहाई और बाकी है और इसलिए उनकी इस भविष्यवाणी के लिए उनके मुंह में घी शक्कर।
>> देश की जनता ने हमें भारत की अर्थव्यवस्था को दुनिया में तीसरी नंबर पर पहुंचाने का काम दिया है। हमारी सरकार ने 10 नंबर से 5 नंबर पर पहुंचाया है। विपक्ष सिर्फ इंतजार करना जानता है। उन्हें रिमोट कंट्रोल की आदत है। हम परिश्रम में विश्वास करते हैं।
>> देश की जनता के विवेक पर मुझे गर्व है। उन्होंने परफॉरमेंस को प्राथमिकता दी और प्रोपगेंडा को फेल कर दिया।
>> आज संविधान दिवस के माध्यम से स्कूलों और कॉलेजों को संविधान की भावना को, संविधान की रचना में क्या भूमिका रही है, देश के गणमान्य महापुरुषों ने संविधान के निर्माण में किन कारणों से कुछ चीजों को छोड़ने का निर्णय किया और किन कारणों से कुछ चीजों को स्वीकार करने का निर्णय किया इसके विषय में विस्तार से चर्चा हो। एक व्यापक रूप से संविधान के प्रति आस्था का भाव जगे और संविधान के प्रति समझ विकसित हो। संविधान हमारी प्रेरणा रहे इसके लिए हम कोशिश करते रहे हैं।
>> जब लोकसभा में जब हमारी सरकार की तरफ से कहा गया कि हम 26 नवंबर को संविधान दिवस के रूप में मनाएंगे तो मैं हैरान हूं कि जो आज संविधान की प्रति लेकर घूमते रहते हैं, दुनिया में लहराते रहते हैं, उन्होंने विरोध किया था कि 26 जनवरी तो है, फिर संविधान दिवस क्यों लाएं?
>> संविधान हमारे लिए सिर्फ धाराओं की किताब नहीं है। मेरे लिए उसके शब्द बहुत मूल्यवान हैं। मेरा मानना है कि किसी भी सरकार के कार्यकलापों में मार्गदर्शन का काम करता है।
>> कुछ लोगों को जनादेश समझ नहीं आ रहा है। जनते ने हमें फिर मौक दिया। जनता ने हमें लगातार तीसरी बार मौका दिया। देशवासियों के विवेक पर मुझे गर्व है।
>> पिछले दो-ढाई दिन में करीब 70 सांसद इस चर्चा में शामिल हुए। राष्ट्रपति के अभिभाषण को व्याख्यायित करने में आप सभी सांसदों ने जो योगदान दिया है उसके लिए मैं आप सबका आभार व्यक्त करता हूं।
आपको बता दें कि राज्यसभा में 28 जून को चर्चा की शुरुआत भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सुधांशु त्रिवेदी ने की थी। सदन के नेता जेपी नड्डा ने मंगलवार को राष्ट्रपति के अभिभाषण पर राज्यसभा में अपनी बात रखी थी। प्रधानमंत्री मोदी ने मंगलवार को लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा का जवाब दिया था।