राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के अध्यक्ष शरद पवार व उनके भतीजे अजित पवार के साथ पुणे में हुई ‘गुपचुप’ मीटिंग से महाराष्ट्र की राजनीति में खलबली मची हुई है। इस सीक्रेट मीटिंग के बाद शरद पवार ने सोमवार को कहा था कि अजित पवार के साथ पुणे में हुई उनकी मुलाकात को लेकर विपक्षी महा विकास आघाड़ी (एमवीए) में किसी प्रकार की भ्रम की स्थिति नहीं है। लेकिन मामला इतना सीधा लग नहीं रहा है।
द इंडियन एक्सप्रेस ने एक दिन पहले अपनी रिपोर्ट में दावा किया था कि कांग्रेस और शिवसेना (यूबीटी) शरद पवार के बिना आगामी 2024 का आम चुनाव लड़ने के लिए प्लान बी पर विचार कर रहे हैं। इस संबंध में कांग्रेस और उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना के बीच कई बैठकें भी हो रही हैं। हालांकि, महाराष्ट्र कांग्रेस प्रमुख नाना पटोले ने मंगलवार को कहा कि अंतिम निर्णय पार्टी आलाकमान लेगा। शरद पवार अपने बागी भतीजे अजित पवार के साथ बार-बार मुलाकात करके अपने एमवीए सहयोगियों को ‘टेंशन’ दे रहे हैं।
नाना पटोले ने स्वतंत्रता दिवस पर ध्वजारोहण समारोह के बाद पार्टी मुख्यालय तिलक भवन में संवाददाताओं से कहा, “बेशक, यह हमें परेशान करता है। पवार परिवार की गुप्त मुलाकातें कांग्रेस के लिए चिंता का विषय हैं। लेकिन मैं इस पर (एमवीए) अंतिम निर्णय नहीं ले सकता। यह पार्टी आलाकमान है जो भविष्य की कार्रवाई का फैसला करेगा।” पटोले ने आगे कहा कि कांग्रेस का स्पष्ट रुख है कि वह बीजेपी से लड़ने के लिए तैयार सभी लोगों के साथ जुड़ेगी।
एक दिन पहले भी नाना पटोले ने कहा था कि जब दोनों नेता रिश्तेदार हैं, तो उन्हें “गुप्त रूप से” मिलने की क्या जरूरत थी। यहां पत्रकारों से बात करते हुए पटोले ने कहा कि शरद पवार और अजित पवार के बीच ऐसी मुलाकातें लोगों में भ्रम पैदा करती हैं। कांग्रेस, शरद पवार की राकांपा और शिवसेना (यूबीटी) राज्य में विपक्षी महा विकास अघाडी (एमवीए) के घटक हैं। शरद पवार और राकांपा के बागी विधायकों के धड़े के प्रमुख अजित पवार ने शनिवार को पुणे में एक व्यवसायी के आवास पर मुलाकात की, जिससे राजनीतिक हलकों में हलचल मच गई। पटोले ने कहा, “शरद पवार और अजीत पवार के बीच ऐसी बैठकों से लोगों में भ्रम फैल गया। अगर रिश्तेदार हैं तो छिप-छिपकर क्यों मिलते हैं? कार की सीट पर मुंह क्यों छिपाते हैं?”