बसपा प्रमुख मायावती महीनों से यह कहती आ रही हैं कि 2024 में वह एकला चलो की राह पर रहेगीं, लेकिन गुरुवार को उनके एक बयान ने नए संकेत दिए। उन्होंने कहा कि यह नहीं कहा जा सकता कि कब किसकी जरूरत पड़ जाए।उनके इस बयान को INDIA अलायंस के लिए एक संकेत के तौर पर देखा जा रहा है कि भविष्य में जरूरत पड़ने पर वह साथ आ सकती हैं। दरअसल उन्होंने यह टिप्पणी सपा को नसीहत देते हुए की। जिसमें उन्होंने कहा कि जो पार्टी INDIA अलायंस की मीटिंग में मौजूद नहीं थी, उसके बारे में बात नहीं करनी चाहिए।
अलायंस की मीटिंग में अखिलेश यादव ने पूछा था कि कांग्रेस बसपा को लेकर रुख साफ करे। यदि बसपा अलायंस में आएगी तो फिर सपा नहीं रहेगी। इस पर कांग्रेस ने कहा कि बसपा को नहीं लिया जाएगा। मायावती ने एक बयान में किसी का नाम लिए बगैर कहा, विपक्ष के गठबंधन में बसपा सहित अन्य जो भी पार्टियां शामिल नहीं हैं उनके बारे में किसी का भी फिजूल की टीका-टिप्पणी करना उचित नहीं है। मेरी उन्हें सलाह है कि वह इससे बचें, क्योंकि भविष्य में, देश में, जनहित में कब किसको, किस की जरूरत पड़ जाए, कुछ भी कहा नहीं जा सकता। बसपा प्रमुख ने कहा, टीका-टिप्पणी करने वाले ऐसे लोगों और पार्टियों को बाद में काफी शर्मिंदगी उठानी पड़े यह ठीक नहीं है। इस मामले में समाजवादी पार्टी खासतौर पर इस बात का जीता जागता उदाहरण है।
मायावती गुरुवार को एक प्रेसवार्ता में ये बातें कहीं । मायावती ने राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ का संसद परिसर में निलंबित विपक्षी सांसदों द्वारा मजाक उड़ाए जाने का वीडियो बनाने को अशोभनीय करार देते हुए कहा कि सरकार और विपक्ष के बीच जबरदस्त मतभेद, तनाव और टकराव वाली घटनाओं से देश के लोकतंत्र एवं संसदीय परंपराओं को शर्मसार होने से बचाना बहुत जरूरी है। उन्होंने कहा कि यह जिम्मेदारी किसी एक की नहीं बल्कि सभी की है।
उन्होंने हाल ही में लोकसभा की सुरक्षा में चूक को भी गंभीर चिंता का विषय बताते हुए कहा कि इस मामले में सभी को मिलकर संसद की सुरक्षा पर विशेष ध्यान देना चाहिए और आरोप-प्रत्यारोप के बजाय सभी को इस मामले को गंभीरता से लेना चाहिए। मायावती ने कहा कि इस मामले के जो भी दोषी और षड्यंत्रकारी हैं उनके विरुद्ध सख्त कानूनी कार्रवाई भी होना बेहद जरूरी है। बसपा प्रमुख ने कहा कि उनकी पार्टी पूर्ण रूप से धर्मनिरपेक्ष दल है और उसे अयोध्या में नवनिर्मित राम मंदिर के अगले महीने होने जा रहे उद्घाटन पर कोई भी ऐतराज नहीं है ।
उन्होंने साथ ही कहा कि बसपा को अयोध्या में अदालत के आदेश पर सरकार द्वारा निर्धारित की गई जमीन पर निर्मित होने वाली मस्जिद के उद्घाटन पर भी कोई आपत्ति नहीं होगी। उन्होंने किसी का नाम लिये बगैर कहा कि लेकिन पिछले कुछ वर्षों से इसकी आड़ में जो घिनौनी राजनीति की जा रही है वह अत्यंत दुखद और चिंतनीय भी है। मायावती ने कहा कि ऐसी चीजों से देश कमजोर ही होगा और इससे लोगों में आपसी नफरत पैदा होती है जो कतई उचित नहीं है।