प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ बातचीत की और द्विपक्षीय सहयोग के कई मुद्दों पर प्रगति की समीक्षा करने के साथ ही जोहानिसबर्ग में हाल ही में संपन्न ब्रिक्स शिखर सम्मेलन सहित आपसी सरोकार के क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर विचारों का आदान-प्रदान किया।
इस मौके पर उन्होंने पीएम मोदी को अंतरिक्ष में हालिया उपलब्धियों पर भी एक बार फिर से बधाई दी। पीएम मोदी ने भारत की जी-20 अध्यक्षता के दौरान सहयोग को लेकर पुतिन का आभार जताया। प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने एक बयान में यह जानकारी दी।
पीएमओ ने दी जानकारी
पीएमओ के मुताबिक, टेलीफोन पर हुई इस बातचीत के दौरान राष्ट्रपति पुतिन ने 9-10 सितंबर को नई दिल्ली में होने वाले जी-20 शिखर सम्मेलन में भाग लेने में असमर्थता व्यक्त की और प्रधानमंत्री को बताया कि इस बैठक में रूस का प्रतिनिधित्व रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव करेंगे। रूस के इस निर्णय का सम्मान करते हुए प्रधानमंत्री ने भारत की जी-20 अध्यक्षता के तहत सभी पहलों के लिए रूस के निरंतर समर्थन के लिए राष्ट्रपति पुतिन को धन्यवाद दिया। पीएमओ के मुताबिक, दोनों नेताओं ने संपर्क में बने रहने पर सहमति जताई।
ब्रिक्स से भी बनाई थी दूरी
गौरतलब है कि दक्षिण अफ्रीका में हुए ब्रिक्स के शिखर सम्मेलन में भी पुतिन अनुपस्थित रहे थे। इसके अलावा रूसी राष्ट्रपति पिछले साल बाली में हुए जी-20 सम्मेलन में भी शामिल नहीं हुए थे। इस बाबत पुतिन के प्रवक्ता ने कहा है कि वह यूक्रेन में सैन्य ऑपरेशन पर ध्यान दे रहे हैं, इसलिए दिल्ली नहीं जाएंगे।
25 अगस्त को मॉस्को ने ऐलान किया था कि पुतिन अपने व्यस्त शिड्यूल और यूक्रेन में मिलिट्री ऑपरेशन के चलते जी-20 में हिस्सा नहीं लेंगे। इसके बाद से इन दोनों के बीच पहली बार संपर्क हुआ है। गौरतलब है कि यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद से ही जी-20 में खिंचाव की स्थिति बनी हुई है। क्रेमलिन की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है कि दोनों नेताओं ने आगामी जी-20 शिखर सम्मेलन पर विचारों का आदान-प्रदान किया लेकिन बैठक में शामिल नहीं होने के पुतिन के फैसले का कोई जिक्र नहीं किया। बयान में कहा गया है कि ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में समझौतों के महत्व पर जोर दिया गया कि मुख्य रूप से ब्रिक्स का विस्तार, जो निस्संदेह अंतरराष्ट्रीय मामलों में इसके प्रभाव के विकास में योगदान देगा।
बयान में कहा गया है कि दोनों पक्ष जनवरी 2024 से ब्रिक्स की रूस की अध्यक्षता के संदर्भ में करीबी बातचीत पर सहमत हुए। पुतिन ने चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के पास भारत के चंद्रयान-3 मिशन की सफल लैंडिंग पर भी मोदी को बधाई दी। बयान में कहा गया है कि उन्होंने स्पेस रिसर्च में द्विपक्षीय सहयोग को और विकसित करने की इच्छा दोहराई। इसके मुताबिक रूस-भारत संबंधों के सामयिक मुद्दों पर चर्चा की गई, जो विशेष और विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी की भावना में लगातार विकसित हो रहे हैं। व्यापार और आर्थिक सहयोग की सकारात्मक गतिशीलता को रेखांकित किया गया।
बयान में कहा गया है कि ऊर्जा क्षेत्र में बड़े पैमाने पर परियोजनाओं के लगातार कार्यान्वयन और अंतरराष्ट्रीय परिवहन और रसद बुनियादी ढांचे के विस्तार पर संयुक्त कार्य के लिए पारस्परिक प्रतिबद्धता व्यक्त की गई। हालांकि इसमें विस्तृत जानकारी नहीं दी गई है, लेकिन रूस तमिलनाडु के कुडनकुलम में भारत का सबसे बड़ा परमाणु ऊर्जा संयंत्र बना रहा है। दोनों देश अंतर्राष्ट्रीय उत्तर-दक्षिण परिवहन गलियारे में भी सहयोग कर रहे हैं, जिसमें ईरान का चाबहार बंदरगाह इसका एक प्रमुख हिस्सा है।