सीएनजी और पाइप से आपूर्ति की जाने वाली रसोई गैस की कीमतों पर कंट्रोल के लिए केंद्र सरकार ने एक अहम फैसला लिया है। केंद्रीय सूचना प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने बताया कि मंत्रिमंडल ने गैस कीमत निर्धारण के नए फॉर्मूले को मंजूरी दी है।
इसके साथ ही सीएनजी और पाइप से आपूर्ति की जाने वाली रसोई गैस की कीमतों पर अधिकतम सीमा भी तय की गई है।
कच्चे तेल की कीमतों से जोड़ा जाएगा: अनुराग ठाकुर ने बताया कि मंत्रिमंडल ने एपीएम गैस के लिए चार डॉलर प्रति एमएमबीटीयू के आधार मूल्य को मंजूरी दी है और अधिकतम मूल्य 6.5 डॉलर प्रति एमएमबीटीयू रखने पर मुहर लगाई है। उन्होंने बताया कि एपीएम गैस के रूप में जानी जाने वाली पारंपरिक या पुराने क्षेत्रों से उत्पादित प्राकृतिक गैस को अब अमेरिका, कनाडा और रूस जैसे देशों की तरह कच्चे तेल की कीमतों से जोड़ा जाएगा। पहले इनका मूल्य निर्धारण गैस कीमतों के आधार पर होता था।
इस फैसले के बाद एक अप्रैल से एपीएम गैस की कीमत भारतीय बास्केट में कच्चे तेल के दाम का 10 प्रतिशत होगी। हालांकि, यह कीमत 6.5 डॉलर प्रति दस लाख ब्रिटिश ताप इकाई (एमएमबीटीयू) से अधिक नहीं होगी। मौजूदा गैस कीमत 8.57 डॉलर प्रति एमएमबीटीयू है।
10 फीसदी तक की राहत: उन्होंने बताया कि कीमतों का निर्धारण प्रत्येक महीने होगा, जबकि अब तक इनकी साल में दो बार समीक्षा की जाती थी। अनुराग ठाकुर ने बताया कि सरकार के इस फैसले से पीएनजी की कीमत में 10 प्रतिशत तक का फर्क पड़ेगा। वहीं, सीएनजी की कीमत में भी कमी आएगी।