CM शिवराज के इमोशनल बयान के क्या मायने? भाजपा के इन 3 प्लान से मामा की बढ़ी टेंशन!
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मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान एक के बाद एक लगातार तीन इमोशनल बयान दे चुके हैं। ‘मामा’ के इन बयानों को लेकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अंदर और बाहर खुसुर-फुसुर होने लगा है।

सीएम शिवराज ने सीहोर में कहा कि जब मैं चला जाऊंगा तब बहुत याद आऊंगा। इसके बाद बुधनी में उन्होंने मंच से लोगों से पूछा कि उन्हें इस बार चुनाव लड़ना चाहिए या नहीं? वहीं शुक्रवार को एक प्रोग्राम में लोगों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि मुझे दोबारा मुख्यमंत्री बनना चाहिए या नहीं? ऐसे में यह सवाल उठना शुरू हो गया है कि आखिर सीएम शिवराज लगातार इमोशनल बयान क्यों दे रहे हैं? आइए समझते हैं…

आखिर इमोशनल बयान क्यों?
साल के अंत तक पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं। इनमें से तीन राज्य (मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़) चुनाव को खासा अहम माना जा रहा है। आगामी चुनावों को अगले साल होने जा रहे लोकसभा चुनाव का सेमीफाइनल भी कहा जा रहा है। इन तीन में से दो राज्यों में कांग्रेस की सरकार है। वहीं मध्य प्रदेश में भाजपा की सरकार है। ऐसे में भाजपा किसी भी कीमत पर सत्ता नहीं गंवाना चाहती है। इसके लिए भाजपा ने कई प्लान बनाए हैं। ऐसा माना जा रहा है कि इनमें से तीन प्लान ऐसे हैं जिसके बाद सीएम शिवराज इमोशनल बयान देने लगे हैं।

अब तक नाम का ऐलान नहीं
एमपी में भाजपा ने अब तक उम्मीदवारों के दो लिस्ट का ऐलान किया है। दोनों में 39-39 कैंडिडेट के नाम का ऐलान किया गया है। इन उम्मीदवारों में से सीएम शिवराज के नाम का ऐलान अभी तक नहीं हुआ है। सूत्रों के मुताबिक, एमपी में टिकट बंटवारा सर्वे के आधार पर किया जा रहा है। ऐसे में यह कयास लगाया जा रहा है कि क्या सीएम शिवराज चुनाव लड़ेंगे या नहीं?

कई दिग्गज चुनावी मैदान में
दूसरी लिस्ट में भाजपा ने कई दिग्गजों को चुनावी मैदान में उतारा। तीन केंद्रीय मंत्री समेत चार सांसदों और भाजपा राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय के नाम का भी ऐलान किया गया है। सीएम शिवराज के करीबी एक सूत्र ने बताया कि वो इन नामों को देख कर आश्चर्यचकित थे। सूत्र ने कहा कि एमपी का अगला सीएम अब कौन होगा यह कहा नहीं जा सकता। एमपी में भाजपा ने अब तक सीएम फेस का ऐलान नहीं किया है। राज्य में शिवराज सिंह चौहान करीब दो दशक से मुख्यमंत्री हैं। कई दिग्गजों के नाम के ऐलान के बाद यह माना जा रहा है कि इस बार किसी और को भाजपा मौका दे सकती है। वहीं कैलाश विजयवर्गीय ने भी बीते दीनों कहा कि किसी बड़ी जिम्मेदारी के लिए भाजपा ने उन्हें चुनावी मैदान में उतारा है।

नेतृत्व ने संभाला मोर्चा
इन चुनावों को अगले साल होने जा रहे लोकसभा चुनाव के लिए महत्वपूर्ण माना जा रहा है। ऐसे में एमपी में चुनाव को भाजपा नेतृत्व ने संभाल लिया है। पीएम मोदी बीते 15 दिनों में तीन बार एमपी का दौरा कर चुके हैं। केंद्रीय गृह मंत्री भी बैक टू बैक दौरा कर रहे हैं। अमित शाह ने यह भी कह दिया है कि आगामी चुनाव संगठन के नाम पर लड़ा जाएगा। पीएम मोदी ने भी कमल को वोट देने की बात कही है।

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