उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की पिछले दिनों तारीफ करने वाले बरेली के जज रवि कुमार दिवाकर की सीजेआई चंद्रचूड़ से शिकायत की गई है। ऑल इंडिया लॉयर्स एसोसिएशंस फॉर जस्टिस ने सीजेआई चंद्रचूड़ को जज दिवाकर के खिलाफ शिकायत करते हुए कार्रवाई करने की मांग की है।रवि कुमार दिवाकर ने हाल ही में यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ की प्रशंसा करते हुए और कहा था कि सत्ता में धार्मिक व्यक्ति अच्छे परिणाम देता है।’लाइव लॉ’ के अनुसार, सीजेआई चंद्रचूड़ को लिखे लेटर में मांग की गई है कि जज दिवाकर के विवादास्पद, पूर्वाग्रहपूर्ण, कट्टर और असंवैधानिक बयान, निष्कर्ष और निर्देश वाले आदेश को रिकॉर्ड से हटा दिया जाए। इसके अलावा, यह मांग भी की गई है कि न्यायिक अकादमी में कौशल विकास सहित न्यायाधीश के खिलाफ आवश्यक कार्रवाई की जाए।सीजेआई चंद्रचूड़ को लिखे गए लेटर में कहा गया है, ”देखा गया है कि सत्र न्यायालय के इस आदेश में मुस्लिम समुदाय के बारे में गलत रूढ़िवादिता और कट्टर धारणाओं को कायम रखने का असर है। इसके अलावा, इस आदेश ने न्याय के पैमाने को झुका दिया है, न्यायपालिका की स्वतंत्रता के स्वीकृत सिद्धांत का उल्लंघन किया है और न्यायपालिका की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाया है। यह न्यायिक अधिकारियों पर लागू होने वाले मानकों और मानदंडों का पालन करने यानी स्वतंत्रता, निष्पक्षता और औचित्य बनाए रखने में न्यायाधीश की घोर विफलता को दर्शाता है। वास्तव में, जज ने मुस्लिम समुदाय के खिलाफ स्पष्ट पूर्वाग्रह और पूर्वाग्रह प्रकट करने वाले ये बयान देकर न्यायिक आचरण के बुनियादी मानकों को विफल कर दिया है, जिससे न्यायपालिका में जनता का विश्वास हिल गया है।”बता दें कि साल 2022 में जज दिवाकर ने ज्ञानवापी मस्जिद परिसर की वीडियोग्राफी करवाने का आदेश दिया था। इसका उन्होंने बचाव करते हुए कहा था कि कानून के हिसाब से ही आदेश दिया गया। उन्होंने यह भी कहा कि मेरे और मेरे परिवार में डर का माहौल काफी बना हुआ है। उसे शब्दों में बयां कर पाना भी मुश्किल है। लोग मेरी सुरक्षा को लेकर चिंतिति हैं। सबसे ज्यादा मेरी मां को मेरी सुरक्षा की चिंता सताती है। साल 2010 में बरेली में हुई सांप्रदायिक हिंसा के सिलसिले में मौलवी मौलाना तौकीर रजा को तलब करते हुए जज दिवाकर ने ये बातें कहीं कि शायद ही कभी भारत में दंगा भड़काने वाले मास्टरमाइंड को सजा मिलती है।