BSTC Bed विवाद में BSTC की जीत, सुप्रीम कोर्ट से बीएड डिग्रीधारियों को लगा झटका
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सुप्रीम कोर्ट से राजस्थान सरकार को बड़ी राहत मिली है। BSTC- बीएड मामले में सुप्रीम कोर्ट ने अहम फैसला दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने लेवल-1 के लिए बीएसटीसी को पात्र माना है। जस्टिस अनिरुद्ध बोस और जस्टिस सुंधाशु धूलिया की खंडपीठ ने यह आदेश दिया है।

सुप्रीम कोर्ट के इस निर्णय से अन्य राज्यों पर भी असर पड़ेगा। डिप्लोमा धारियों की ओर से अधिवक्ता विज्ञान शाह ने पैरवी की है। वर्षों से चल रहे BSTC B.ED विवाद में BSTC की जीत हुई है। दरअसल, मुकेश कुमार व अन्य ने राजस्थान हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका पेश की थी। सुप्रीम कोर्ट ने राजस्थान हाईकोर्ट के खिलाफ बीएड डिग्रीधारियों की अपीलें खारिज कर दी। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि बीएड डिग्रीधारी लेवल-1 के लिए अपात्र होंगे।

NCTE की याचिका खारिज

सुप्रीम कोर्ट के फैसले के अनुसार अब ग्रेड थर्ड टीचर भर्ती परीक्षा लेवल-1 में केवल बीएसटीसी डिप्लोमाधारक ही पात्र होंगे। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और नेशनल काउंसिल फॉर टीचर एजुकेशन (NCTE) की याचिका खारिज करते हुए राजस्थान हाईकोर्ट के फैसले को सही ठहराया है। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले का असर राजस्थान के भी लाखों बीएड पास कैंडिडेट्स पर होगा।सुप्रीम कोर्ट ने इस संबंध में राजस्थान हाईकोर्ट के 25 नवंबर, 2021 के फैसले को सही माना है। इसके तहत हाईकोर्ट ने एनसीटीई की अधिसूचना को रद्द कर दिया था। प्रकरण में सुप्रीम कोर्ट ने गत जनवरी माह में सभी पक्षों की बहस सुनकर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। एसएलपी में कहा गया कि बीएड डिग्री रखने वाले अभ्यर्थियों को गलत तरीके से तृतीय श्रेणी लेवल-वन शिक्षक भर्ती से बाहर किया गया है। उच्च योग्यता होने के चलते उन्हें भर्ती में शामिल किया जाए।

कक्षा एक से कक्षा पांच के विद्यार्थियों को पढ़ाने का तरीका अलग

बीएसटीसी अभ्यर्थियों की ओर से अधिवक्ता विज्ञान शाह ने कहा कि लेवल वन यानि कक्षा एक से कक्षा पांच के विद्यार्थियों को पढ़ाने का तरीका अलग होता है और इसे बीएड के पाठ्यक्रम में नहीं बताया जाता। इसलिए लेवल वन के लिए बीएसटीसी और समकक्ष डिप्लोमाधारी ही पात्र होने चाहिए। मामले के अनुसार एनसीटीई ने 28 जून, 2018 को एक नोटिफिकेशन जारी कर तृतीय श्रेणी लेवल-वन शिक्षक भर्ती में बीएड डिग्री धारकों को भी पात्र मान लिया था। लेकिन साथ ही यह भी स्पष्ट किया कि ऐसे बीएड डिग्री धारकों को नियुक्ति मिलने से छह महीने के भीतर एक ब्रिज कोर्स भी करना होगा।

एनसीटीई के नोटिफिकेशन विवाद शुरू हुआ

एनसीटीई के इस नोटिफिकेशन से ही बीएसटीसी व बीएड डिग्री धारकों के बीच विवाद शुरू हो गया। इस नोटिफिकेशन को लेकर बीएसटीसी व बीएड धारकों की ओर से याचिकाएं दायर की गई। हाईकोर्ट ने इस नोटिफिकेशन को अव्यवहारिक बताते हुए बीएसटीसी अभ्यर्थियों के पक्ष में फैसला दिया था। इस आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दायर की गई थी। सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला ना केवल राजस्थान राज्य बल्कि देशभर की थर्ड ग्रेड टीचर लेवल-वन की भर्तियों में लागू होगा और उनमें केवल बीएसटीसी योग्यता धारक ही भर्ती के लिए पात्र माने जाएंगे।

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