बिहार में लोकसभा चुनाव के प्रचार में जहां भारतीय जनता पार्टी ने पूरी ताकत झोंक रखी है वहीं राहुल गांधी की कांग्रेस ने महागठबंधन का प्रचार फिलहाल तेजस्वी यादव और राष्ट्रीय जनता दल के भरोसे छोड़ रखा है।
400 पार का नारा दे चुकी बीजेपी एक-एक सीट पर फोकस तरीके से काम कर रही है चाहे वो सहयोगी दल की क्यों ना हो। एनडीए कैंप का नेतृत्व कर रही बीजेपी के नेता और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिहार में पहले चरण की नाम वापसी खत्म होने के दो दिन बाद 4 अप्रैल को ही पहली रैली कर ली। पीएम मोदी ने यह रैली बीजेपी की किसी सीट पर करने के बजाय सहयोगी पार्टी लोजपा-रामविलास की सीट जमुई में रखी जहां से चिराग पासवान ने बहनोई अरुण भारती को लड़ाया है।
पीएम मोदी की दूसरी रैली तीन दिन बाद 7 अप्रैल को नवादा में हुई जहां बीजेपी ने पार्टी के पुराने नेता और केंद्रीय मंत्री रहे सीपी ठाकुर के राज्यसभा सांसद बेटे विवेक ठाकुर को लड़ाया है। विवेक के लिए वोट मांगने के बाद पीएम मोदी पहले चरण के ही लोकसभा चुनाव के लिए तीसरी बार 16 अप्रैल को गया आ रहे हैं और इस बार दूसरे सहयोगी दल हम के नेता और पूर्व सीएम जीतनराम मांझी के लिए वोट मांगेंगे।
पहले चरण की चौथी सीट औरंगाबाद है जहां बीजेपी ने मौजूदा सांसद सुशील कुमार सिंह को फिर से लड़ाया है। यहां गृहमंत्री अमित शाह की 10 अप्रैल को रैली है। शाह की सभा गुरारु ब्लॉक में रखी गई है जो जिला के हिसाब से गया में है और लोकसभा के हिसाब से औरंगाबाद में। चर्चा है कि औरंगाबाद सीट पर राजनाथ सिंह की भी रैली लगेगी क्योंकि यहां राजपूत वोटर काफी हैं।
दूसरी तरफ महागठबंधन में फिलहाल हाल यही है कि कांग्रेस ना सीन में है और ना सीन में आने की कोई हड़बड़ी दिख रही है। कांग्रेस की तो 6 कैंडिडेट की लिस्ट भी नहीं आई है। महागठबंधन में शामिल छह दलों में पहले चरण की चार लोकसभा सीट जमुई, नवादा, गया और औरंगाबाद आरजेडी ही लड़ रही है। राहुल गांधी, प्रियंका गांधी या मल्लिकार्जुन खरगे तो दूर की बात हैं, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद सिंह भी तेजस्वी की किसी रैली में अब तक नजर नहीं आए हैं। तेजस्वी ने पूर्णिया, जमुई, गया और बगहा में रैलियां की है जहां आरजेडी के कैंडिडेट लड़ रहे हैं। मुकेश सहनी की वीआईपी तीन सीट लेकर महागठबंधन में आ गई है और उसके बाद तेजस्वी के साथ मुकेश सहनी जमुई और बगहा में नजर आए हैं। कांग्रेस के स्थानीय नेता जरूर तेजस्वी की सभा में शामिल हो रहे हैं।
दूसरे चरण की पांच सीटों में तीन लोकसभा क्षेत्र से कांग्रेस लड़ रही है जबकि दो से आरजेडी। संभावना है कि दूसरे चरण में कांग्रेस के नेता प्रचार करते दिखें। दूसरे चरण में ही पूर्णिया सीट भी है जहां आरजेडी की बीमा भारती के खिलाफ पप्पू यादव निर्दलीय लड़ गए हैं। चर्चा है कि आरजेडी ने कांग्रेस से पूर्णिया में राहुल गांधी की रैली करवाने कहा है जिसमें तेजस्वी यादव भी रहेंगे। बांका से राजद ने जयप्रकाश नारायण यादव को लड़ाया है। कांग्रेस की तरफ से दूसरे चरण में किशनगंज से मोहम्मद जावेद, कटिहार से तारिक अनवर और भागलपुर से अजीत शर्मा लड़ रहे हैं।
बिहार में महागठबंधन का चुनाव प्रचार उसी तरह चल रहा है जिस तरह देश में कांग्रेस का और दूसरे राज्यों में इंडिया गठबंधन का। खानापूर्ति से थोड़े ऊपर स्तर का प्रचार चल रहा है। कई जगह सीट बंटवारा अंतिम रूप नहीं ले सका है तो प्रचार और उसमें सबका आना अभी सवाल ही नहीं है।
तेजस्वी ने बिहार में मोर्चा ले रखा है। मोदी जब जमुई आए थे तो तेजस्वी ने एनडीए के 14 लोकसभा कैंडिडेट का खानदान बताकर कहा था कि पीएम जमुई में परिवारवाद पर बोलें। मोदी जब नवादा आए तो तेजस्वी ने भ्रष्टाचार पर 10 सवाल दागे और बाद में कहा कि पीएम ने नवादा में भ्रष्टाचार पर कुछ नहीं बोला। नीतीश पर नरमी बरतते हुए तेजस्वी बिहार में सरकारी नौकरियों का क्रेडिट जमकर ले रहे हैं और नीतीश सब जगह बता रहे हैं कि सारा काम तो उनका किया हुआ है।
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देश के बाकी हिस्सों की तरह बिहार में भी भाजपा और उसके सहयोगी दल पूरी शिद्दत और ताकत से एक-एक सीट पर प्रचार में जुटे हैं ताकि मोदी के 400 सीट पार के नारे को साकार किया जा सके। महागठबंधन में हर पार्टी अपने-अपने प्रचार में जुटी है। तेजस्वी प्रचार तो कर रहे हैं लेकिन यह कहा नहीं जा सकता कि वो सहयोगियों की सीट पर नहीं गए क्योंकि पहले चरण की सारी सीटें आरजेडी ही लड़ रही है। दस दिन बाद मतदान शुरू हो जाएगा। मौसमी तापमान बढ़ रहा है लेकिन चुनावी गर्मी चढ़ नहीं रही। राहुल या प्रियंका के बिहार आने के बाद यह तय है कि बीजेपी के हमले की धार तेज होगी और फिर पलटवार भी। तब तक बची हुई सीटों के कैंडिडेट के नाम का इंतजार तो है ही।