रामायण के राम के खिलाफ अखिलेश यादव का मेरठ में दलित दांव, कौन हैं अरुण गोविल को चुनौती देने उतरीं सुनीता वर्मा
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अखिलेश यादव ने नामांकन के अंतिम दिन मेरठ से भी सपा का प्रत्याशी बदल दिया है। गुरुवार को न सिर्फ सुनीता वर्मा ने नामांकन दाखिल किया बल्कि उनके लिए हेलीकॉप्टर से सिंबल लखनऊ से मेरठ पहुंचाया गया।इससे पहले सपा ने भानू प्रताप को फिर अतुल प्रधान को प्रत्याशी बनाया था। अतुल प्रधान ने बुधवार को नामांकन भी दाखिल कर दिया था। अब सिंबल नहीं होने से अतुल प्रधान का नामांकन खुद ही कैंसिल हो जाएगा और सुनीता वर्मा सपा की अधिकृत प्रत्याशी हो जाएंगी। भाजपा ने यहां से रामायण के राम अरुण गोविल को उतारकर मेरठ को हॉट सीट बना दिया है। ऐसे में सपा ने भी खास रणनीति के तहत सुनीता वर्मा पर दांव लगाया है। सुनीता वर्मा न सिर्फ यहां की मेयर रही हैं बल्कि दलित समुदाय से आती हैं। मेयर रहने के कारण सुनीता यहां पर किसी परिचय की मोहताज नहीं हैं। ऐसे में माना जा रहा है कि यहां पर चुनाव अब बेहद रोचक हो गया है।

सुनीता वर्मा हस्तिनापुर के पूर्व विधायक योगेश वर्मा की पत्नी हैं। करीब डेढ़ दशक पहले जिला पंचायत सदस्य बनकर राजनीति में कदम रखने वालीं सुनीता वर्मा नगर निगम के इतिहास में पहली दलित मेयर बनी थीं। प्रदेश की सत्ता पर काबिज भाजपा से मेयर की सीट छीन ली थी। उनके पति योगेश वर्मा 2007 में बसपा के टिकट पर हस्तिनापुर सीट से विधायक बने थे। 2012 में बसपा से टिकट कटा तो योगेश बगापत में पीस पार्टी से मैदान में कूद पड़े। उन्हें प्रभुदयाल वाल्मीकि से हार का सामना करना पड़ा। 2017 में सुनीता वर्मा मेरठ शहर से महापौर चुनी गईं। योगेश वर्मा ने कहा कि महापौर चुनाव में सुनीता ने भाजपा को हराया था और इस बार लोकसभा चुनाव भी हराएंगे।

दोबार सपा ने बदला प्रत्याशी
समाजवादी पार्टी ने पहले मेरठ-हापुड़ सीट पर भानु प्रताप सिंह एडवोकेट को प्रत्याशी घोषित किया था। सोमवार को भानु प्रताप का टिकट काटकर सरधना से सपा विधायक अतुल प्रधान को प्रत्याशी घोषित करने के साथ ही सिंबल भी दे दिया गया। बुधवार को अतुल प्रधान ने नामांकन दाखिल कर दिया। इसके बाद से ही टिकट की अदला-बदली की चर्चाएं तेज हो गई थीं। देर शाम से ही अतुल प्रधान का टिकट काटकर सुनीता वर्मा को प्रत्याशी बनाए जाने की चर्चाएं होती रहीं।

अंततः गुरुवार सुबह चर्चाओं पर मुहर लग गई। सपा ने अतुल प्रधान के स्थान पर सुनीता वर्मा को टिकट दे दिया। नामांकन का अंतिम दिन होने के कारण लखनऊ से पूर्व विधायक योगेश वर्मा सिंबल लेकर हेलीकॉप्टर से मेरठ पहुंचे। इसके बाद सुनीता वर्मा ने सपा प्रत्याशी के तौर पर अपना नामांकन भी दाखिल कर दिया।

अतुल प्रधान की नाराजगी की खबरें, फिर खंडन
टिकट कटने पर पहले अतुल प्रधान की नाराजगी की खबरें भी आईं और सपा से इस्तीफे की भी चर्चा चली। लेकिन बाद में अतुल प्रधान ने साफ किया कि पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष का जो फैसला होगा, वह उन्हें स्वीकार होगा और साथियों के साथ बैठकर चर्चा करेंगे। उन्होंने सोशल मीडिया में वायरल टिकट नहीं मिलने पर विधायक पद से इस्तीफा दिए जाने की खबरों का खंडन कर दिया।

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