सुप्रीम कोर्ट ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की नेता और अमरावती से सांसद नवनीत राणा का जाति प्रमाणपत्र रद्द करने संबंधी बॉम्बे हाई कोर्ट के फैसले को गुरुवार को खारिज कर दिया। न्यायमूर्ति जे के माहेश्वरी और न्यायमूर्ति संजय करोल की पीठ ने राणा की याचिका को विचारार्थ स्वीकार करते हुए कहा कि हाई कोर्ट को राणा के जाति प्रमाणपत्र के मुद्दे पर जांच समिति की रिपोर्ट में हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए था।हाई कोर्ट ने आठ जून 2021 को कहा था कि राणा ने धोखाधड़ी कर फर्जी दस्तावेजों के जरिए ‘मोची’ जाति का प्रमाणपत्र हासिल किया था। हाई कोर्ट ने सांसद पर दो लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया था और कहा था कि रिकॉर्ड से पता चलता है कि वह ‘सिख-चमार’ जाति से हैं।
सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर भावुक हुईं नवीनत राणा
सुप्रीम कोर्ट द्वारा बॉम्बे हाई कोर्ट के फैसले को खारिज किए जाने के बाद नवनीत राणा खुश होने के साथ-साथ भावुक भी हैं। उन्होंने अपने बयान में कहा, “पिछले कई सालों से विरोधी कयास लगा रहे थे कि नवनीत राणा जेल जायेंगी। यहां तक कि मेरे छोटे-छोटे बच्चे भी मुझसे पूछते थे – मां आपने ऐसा क्या किया, जिसके कारण आपको जेल जाना पड़ा, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने मेरे संघर्ष को न्याय दिया।” नवनीत राणा ने कहा, “मैं पिछले 12 साल से संघर्ष कर रही थी, उस संघर्ष के बदले मुझे न्याय मिला। इस बीच विपक्ष की ओर से मुझे बदनाम करने की कोशिश की गई लेकिन आज सुप्रीम कोर्ट के माध्यम से आज दूध का दूध पानी का पानी हो गया है।
लोगों ने मुझ पर भरोसा जताया: नवनीत राणा
राणा ने कहा, “सुप्रीम कोर्ट का फैसला नवनीत राणा की जीत नहीं बल्कि शिव राय और बाबा साहब के विचारों को मानने वाले लोगों की जीत है। विरोधियों ने धीमी भाषा में मेरी आलोचना की, एक महिला होने के नाते मुझे दबाने की कोशिश की लेकिन मैंने अपना आपा नहीं खोने दिया। लोगों पर भरोसा किया। मैं लोगों से कहता रहा कि मैं असली हूं, मुझ पर भरोसा करो। लोगों ने मुझ पर विश्वास भी किया। 2019 में अमरावती ने मुझे सांसद बनाया। आज मैं फिर से मैदान में हूं, मैंने अपना उम्मीदवारी फॉर्म भर दिया है। मुझे पूरा विश्वास है, इस बार भी लोग मुझे अमरावती का प्रतिनिधित्व करने का मौका देंगे।”
भाजपा के टिकट पर अमरावती से उम्मीदवार हैं नवनीत राणा
बता दें राणा ने 2019 में निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में अमरावती संसदीय सीट जीती थी। वह हाल ही में भाजपा में शामिल हुईं और उसी निर्वाचन क्षेत्र से टिकट मिलने के बाद चुनाव लड़ने की तैयारी में हैं। उन्हें 2019 में राकांपा का समर्थन प्राप्त था।