दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की याचिका पर राउज एवेन्यू स्थित सत्र अदालत में गुरुवार को सुनवाई हुई। केजरीवाल ने मजिस्ट्रेट कोर्ट में व्यक्तिगत पेशी से छूट की मांग की, जिस पर लंबी और तीखी बहस हुई।केजरीवाल को मिले पहले समन पर सुनवाई पूरी हुई जबकि दूसरे समन पर शुक्रवार को सुनवाई होगी। शुक्रवार को सुनवाई के बाद केजरीवाल की याचिका पर फैसला आ सकता है। केजरीवाल को 16 मार्च को एडिशनल चीफ मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट दिव्या मल्होत्रा की अदालत में पेश होना है।केजरीवाल ने ईडी की शिकायतों पर निचली अदालत की ओर से जारी दो समन को चुनौती दी है। कथित शराब घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में ईडी के 8 समन को दरकिनार किए जाने के बाद जांच एजेंसी ने कोर्ट में दो शिकायतें कीं थीं। केजरीवाल की तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता रमेश गुप्ता ने पक्ष रखा तो प्रवर्तन निदेशालय की तरफ से एडिशनल सॉलिसिटर जनरल एस वी राजू ने दलीलें दीं।रमेश गुप्ता ने कहा कि मामले की शनिवार को पेशी तय है। उन्होंने कहा, ‘मैं मांग कर रहा हूं कि उन्हें (केजरीवाल को) वकील के माध्यम से पेश होने की अनुमति दी जाए या आदेश पर रोक लगा दी जाए।’ एएसजी ने विरोध जताते हुए कहा कि तारीख बहुत पहले तय हो गई थी। गुप्ता ने कहा, ‘मैं केवल पेशी से छूट की बात कह रहा हूं। यह समन से जुड़ा मामला है। इसमे अधिकतम सजा एक महीने की जेल या फाइन या दोनों है। इसे ईडी डायरेक्टर ने नहीं बल्कि जांच अधिकारी ने अपनी कैपेसिटी के अनुसार दाखिल किया है।’ असिस्टेंट डायरेक्टर संदीप कुमार शर्मा इस मामले में शिकायतकर्ता हैं।दिल्ली सीएम की तरफ से वकील ने कहा, ‘मुझ पर क्या आरोप हैं? तीन समन जारी किए गए और मैं ( केजरीवाल) उपस्थित नहीं हुआ इसलिए मैंने धारा 174 के तहत अपराध किया है।’ सुनवाई के दौरान दोनों पक्षों के वकीलों के बीच तीखी बहस हो गई। इस पर अदालत ने कहा कि आप दोनों यहां रोल मॉडल हैं।रमेश गुप्ता ने कहा की शिकायत सिर्फ जांच अधिकारी या उसके सीनियर अधिकारी द्वारा ही की जा सकती है, किसी भी अन्य अधिकारी द्वारा शिकायत किया जाना मान्य नहीं है। गुप्ता ने कहा, ‘वह (केजरीवाल) सिर्फ उपस्थिति से छूट पाना चाहते हैं। कोर्ट में मुख्यमंत्री की उपस्थिति से प्रवर्तन निदेशालय क्या लोकप्रियता हासिल करनी चाहती है?’ एडिशनल सॉलिसिटर जनरल ने तीखा विरोध जाते हुए कहा, ‘स्टॉप प्लेयिंग फ्रॉम द गैलरी। हम लोकप्रियता के लिए कुछ नहीं कर रहे हैं।’ईडी की तरफ से एसवी राजू ने कहा कि 17 फरवरी का आदेश है और बचाव पक्ष उपस्थिति से एक दिन पहले अदालत के सामने राहत की मांग कर रहा है। केजरीवाल ने अदालत को आश्वासन दिया था कि वह 16 मार्च को अदालत में पेश होंगे। 17 फरवरी का आदेश आप देख सकते हैं। सुनवाई में केजरीवाल वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पेश हुए थे और अदालत को व्यक्तिगत उपस्थिति का आश्वासन दिया था। अब वह उपस्थिति से छूट मांग रहे हैं। यह अदालत का निरादर, उन्हें अंतरिम राहत नहीं मिलनी चाहिए। उन्होंने कहा कि शिकायत करने वाले और मुख्यमंत्री को समन भेजने वाले दोनों ही अधिकारी समान स्तर के हैं। दोनों ही जांच से जुड़े हुए हैं ऐसे में यह नहीं कहा जा सकता कि अलग-अलग लोगों द्वारा शिकायत और समन भेजे गए हैं।एसवी राजू ने कहा, ‘मुख्यमंत्री दावा करते हैं कि वह आम आदमी है, आम आदमी का प्रतिनिधित्व करते हैं, क्या उन्हें इस तरह के बहाने बनाने की अनुमति दी जाएगी, वह कहते हैं मुझे उद्घाटन करना है, मुझे विपश्यना में जाना है। क्या आम आदमी इस तरह करता तो अदालत उसे अनुमति देता। अंतिम मौके पर मुख्यमंत्री अदालत से कह रहे हैं कि उन्हें राहत दी जाए, वरना आसमान गिर पड़ेगा।’रमेश गुप्ता ने कहा, ‘हमें मामले को समझने के लिए और पढ़ने के लिए समय चाहिए इसलिए हम पहले की सुनवाई में प्रस्तुत हुए और समय की मांग की थी।’ याचिका की प्रतिलिपि उपलब्ध न करने की बात पर उन्होंने कहा कि हम सेशन कोर्ट में प्रस्तुत हुए हैं और यह अनिवार्य नहीं है।गुप्ता ने कहा, ‘ईडी कह रहा है कि उन्होंने कहा कि वह विपश्यना में जाते हैं। ईडी तो नोटिस जारी कर कहता है कल आ जाओ, परसों आ जाओ। आदमी ने महीनों पहले से पैसे जमा कराए होते हैं।’ आम आदमी वाली दलील पर रमेश गुप्ता ने केजरीवाल की तरफ से कहा- कब कह रहा हूं कि मैं बड़ा आदमी हूं। मैं तो छोटा सा आदमी हूं। उन्होंने आगे कहा, ‘अगर मैंने कह भी दिया कि मैं शनिवार को आऊंगा तो क्या हो गया, मुझे कहीं जाना है और मैं नहीं आ पाया तो क्या मेरे खिलाफ वारंट जारी कर दोगे।’ गुप्ता ने अपनी बात समाप्त करते हुए कहा कि मैं प्रोसिडिंग पर स्टे लगाने की अपनी बात को वापस लेता हूं, सिर्फ उपस्थिति से छूट की मांग करता हूं। गुप्ता ने अदालत से अंतरिम आदेश पारित करने की अपील की।