अवैध निवासियों पर लगेगी लगाम, मणिपुर में एनआरसी को लेकर बड़ा कदम; सीएम बीरेन सिंह ने कही यह बात
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मणिपुर में भी एनआरसी लागू किया जाएगा। शुक्रवार को यहां की विधानसभा में इसको लेकर अहम कदम उठाया गया। इसके तहत अगस्त 2022 में यहां एनआरसी लागू करने मांग के लिए लाए गए प्रस्ताव की पुष्टि की गई।प्रदेश के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने सोशल मीडिया साइट एक्स पर लिखा कि आज, मणिपुर विधानसभा ने 5 अगस्त, 2022 को पारित हमारे प्रस्ताव की पुष्टि करके एक महत्वपूर्ण कदम उठाया। उन्होंने आगे लिखा कि हमें पूरा भरोसा है कि मणिपुर में एनआरसी लागू करना राज्य के हितों की रक्षा करने और देश के लिए जरूरी है।मुख्यमंत्री ने आगे लिखा कि भारत सरकार से एनआरसी लागू करने की दिशा में तेजी का आग्रह मणिपुर की सुरक्षा और अखंडता सुनिश्चित करने के लिए हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाता है। मैं सभी नागरिकों से इस प्रयास का समर्थन करने का आग्रह करता हूं। हम आने वाली पीढ़ियों के लिए एक मजबूत, अधिक समृद्ध मणिपुर बनाने की कोशिश कर रहे हैं। गौरतलब है कि छह अगस्त 2022 को मणिपुर विधानसभा ने सर्वसम्मति से एक प्रस्ताव पास किया था। इसमें राज्य में जनसंख्या आयोग स्थापित करने और एनआरसी लागू करने की बात कही गई थी।असल में कई छात्र और आदिवासी निकाय मांग कर रहे थे कि एनआरसी राज्य में अवैध रूप से रहने वाले म्यांमार, बांग्लादेश और नेपाल के निवासियों का पता लगाए। इसी के तहत अगस्त 2022 में मणिपुर विधानसभा के प्रस्ताव लाया गया था। गौरतलब है कि मणिपुर म्यांमार के साथ 400 किमी सीमा साझा करता है। चिंताएं इस बात को लेकर हैं कि म्यांमार से चिन-कुकी समुदाय के लोग मणिपुर में अवैध रूप से रह रहे हैं। चिन-कुकी लोगों का मणिपुर के कुछ पहाड़ी जिलों में रहने वाले कुकी लोगों से घनिष्ठ संबंध है।हालांकि, केंद्र ने इनर लाइन परमिट (आईएलपी) प्रणाली शुरू की थी। इसके तहत मणिपुर जाने वाले बाहरी लोगों को परमिट की जरूरत होती है। हालांकि दिसंबर 2019 में यह महसूस किया जाता है कि यह उन अवैध प्रवासियों का पता लगाने के लिए पर्याप्त नहीं है जो पहले से ही राज्य में रह रहे हैं। असम देश का एकमात्र राज्य है जहां 25 मार्च, 1971 के बाद राज्य में प्रवेश करने वाले अवैध प्रवासियों को बाहर निकालने के उद्देश्य से सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में 2019 में एनआरसी लाया गया था।

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