फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की कानूनी गारंटी समेत विभिन्न मांगों को लेकर किसानों ने ‘दिल्ली चलो’ मार्च निकाला है। इस बीच, हरियाणा में खाप पंचायतें और किसान संगठन 20 फरवरी को जींद में महापंचायत करने वाली हैं।
इसे लेकर कहा गया कि अगर उनकी मांगें पूरी नहीं की जाती हैं तो वे 20 फरवरी को जींद में महापंचायत के दौरान कड़े निर्णय लेंगे। इसके साथ ही संयुक्त किसान मोर्चा के नेताओं और हरियाणा की खापों ने 21 फरवरी को लेकर भी अपना प्लान बताया है। बुधवार को हरियाणा में भाजपा कार्यालयों के बाहर विरोध प्रदर्शन करने का फैसला लिगा गया है।
खाप पंचायतों और किसान संगठनों के प्रतिनिधियों ने जींद के पुलिस अधीक्षक सुमित कुमार के साथ गढ़ी थाने में बैठक की और उनके समक्ष अपनी मांगें रखीं। किसान नेता आजाद पालवा ने बताया कि खाप और किसान संगठनों के प्रतिनिधियों ने इंटरनेट सर्विस बहाल किए जाने की मांग रखी है। साथ ही गिरफ्तार किए गए किसानों की रिहाई, अवरोधक हटाए जाने और आंदोलनरत किसानों की मदद करने वाले किसानों के घर दबिश बंद करने की मांगें रखी गईं।
’20 फरवरी को महापंचायत में होंगे कड़े फैसले’
किसान नेता ने कहा कि अगर उनकी मांगों पर विचार नहीं किया गया तो 20 फरवरी को महापंचायत में कड़े निर्णय लिए जाएंगे। हजारों किसान अपनी विभिन्न मांगों को लेकर पंजाब और हरियाणा की सीमा पर शंभू और खनौरी में डटे हुए हैं। उन्हें राष्ट्रीय राजधानी में प्रवेश करने से रोकने के लिए बड़ी संख्या में सुरक्षा बल तैनात हैं। वहीं, किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने सोमवार को कहा कि सरकारी एजेंसियों की ओर से MSP पर दलहन, मक्का और कपास खरीदने के केंद्र के प्रस्ताव पर किसान चर्चा करेंगे। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि वे फसलों के लिए एमएसपी की कानूनी गारंटी की अपनी मांग से पीछे नहीं हटेंगे।
पंजाब और हरियाणा की सीमा पर डटे हुए हैं किसान
पंधेर की यह टिप्पणी किसान नेताओं और तीन केंद्रीय मंत्रियों की समिति के बीच रविवार को हुई बैठक के बाद आई है। ‘दिल्ली चलो’ अभियान को लेकर हजारों किसान पंजाब और हरियाणा की सीमा पर डटे हुए हैं। शंभू सीमा पर संवाददाताओं से पंधेर ने कहा कि केंद्र की ओर से दिए गए प्रस्ताव पर किसान चर्चा करेंगे। एक सवाल पर उन्होंने कहा कि किसान एमएसपी की गारंटी देने वाले कानून की अपनी मांग से पीछे नहीं हटे हैं और न ही कभी पीछे हटेंगे। पंधेर ने बताया कि किसान नेता खनौरी सीमा पर पहुंच रहे हैं जहां एक किसान की मौत हो गई थी। विरोध प्रदर्शन में शामिल एक 72 वर्षीय किसान की रविवार को दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई। इससे पहले शंभू सीमा पर एक अन्य 63 वर्षीय किसान की भी इसी तरह मौत हो गई थी।