अयोध्या में राम मंदिर में 22 जनवरी को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होने जा रहा है। इस बीच सीएम योगी ने राम मंदिर में लगी रकम को लेकर बयान सामने आया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्पष्ट किया कि राम मंदिर निर्माण के लिए कहां से धनराशि आई है।सीएम योगी ने कहा कि कारसेवकों ने बलिदान दिया। इसके लिए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का मार्गदर्शन था, विश्व हिंदू परिषद का नेतृ्त्व का था और आशीर्वाद पूज्य संतों का था। उस आंदोलन में रामजन्मभूमि में भव्य राम मंदिर का निर्माण हो रहा है। इसमें एक पाई भी सरकार ने नहीं दिया है। पैसा न केंद्र की सरकार ने ही दिया और न ही राज्य की सरकार ने। ये सारा का सारा पैसा रामभक्तों ने देश भर से दिया है, दुनिया भर से दिया है।ये बातें योगी ने मीडिया से बातचीत में कहीं। उन्होंने राम मंदिर के बाहर के इंफ्रास्टेक्चर, जैसे रेलवे स्टेशन का काम, एयरपोर्ट का निर्माण, गेस्ट हाउस बनाने का काम, क्रूज सेवा, सड़क का चौड़ीकरण, पार्किंग की सुविधा। ऐसे कामों पर सरकार काम कर रही है। ये सब काम सरकार की पॉलिसी के तहत हो रहा है। उन्होंने अक्षत बांटने पर कहा कि जो राम भक्त सहयोग दे रहे हैं उन्हें आमत्रंण भी नहीं मिलना चाहिए।
चार गुना तक बढ़ जाएगा दान
अयोध्या आकर श्रीरामलला का दर्शन करने वाले श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ने के साथ मंदिर में चढ़ावा भी खूब आ रहा है। श्रद्धालु दिल खोल कर दान कर रहे हैं। यहां रोजाना तीन से चार लाख रुपये दान आ रहा है। महीने की बात करें तो यह डेढ़ से दो करोड़ रुपये तक पहुंच रही है। ऑनलाइन दान की अभी तक कोई गिनती नहीं की जा सकी है। माना जा रहा है कि 22 जनवरी को भगवान श्रीराम की प्राण प्रतिष्ठा के बाद अयोध्या में लाखों भक्त पहुंचेंगे। वे यहां भगवान श्रीराम का दर्शन पूजन करेंगे और अपने श्रद्धा भाव से श्रीराम मंदिर के लिए दान भी करेंगे। अस्थाई मंदिर में भी रामलला के दर्शन-पूजन के लिए आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या काफी बढ़ी है। ऐसी संभावना है कि मंदिर बनने के बाद श्रद्धालुओं की ओर से दान-चढ़ावे का आंकड़ा चार गुना तक बढ़ जाएगा। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र कार्यालय के प्रभारी प्रकाश गुप्ता के मुताबिक हमारे यहां दान पात्रों में रोजाना धन पड़ता है। जब भर जाता है तब उसकी गिनती होती है। दानदाताओं की कमी नहीं है। लोग अपनी क्षमता से बढ़-चढ़ कर दान दे रहे हैं। लोग अनोखी चीजें भी बनवाकर ला रहे हैं। लोग सोच रहे हैं कि भगवान के लिए क्या कर दें। लोग जो कर रहे हैं, हम उसकी कल्पना भी नहीं कर सकते हैं।