सेमीफाइनल में बंपर जीत से बढ़ी भाजपा की मुश्किल, 2024 के लिए बड़ा चैलेंज
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हाल ही में पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों में तीन में भाजपा ने बंपर जीत हासिल की है। इन चुनावों को 2024 लोकसभा चुनाव के सेमीफाइनल के तौर पर देखा जा रहा था। जिस तरह से नतीजे आए हैं, उसको देखकर कह सकते हैं कि भाजपा ने सेमीफाइनल मुकाबले में जबर्दस्त जीत हासिल की है।

इसको देखते हुए ही राजनीतिक पंडित 2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा की बड़ी जीत की भविष्यवाणी कर रहे हैं। हालांकि भाजपा की जीत में एक चीज बाधा बन सकती है, वह है पार्टी का अतिआत्मविश्वास।

बचना होगा इस चीज से
असल में 2024 में भाजपा की वापसी उतनी भी आसान नहीं है, जितनी राजनीतिक पंडित बता रहे हैं। इस चुनाव में भाजपा के सामने विपक्ष से भी बड़ी चुनौती है उसकी आत्मसंतुष्टि। राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में पार्टी ने बड़े अंतर से जीत हासिल की है। ऐसे में पार्टी का मनोबल बढ़ा हुआ है। कुछ ऐसा ही हाल साल 2003 में भी था। तब एनडीए ने तीनों प्रदेश में जीत हासिल की थी। अतिउत्साह में पार्टी ने जल्द चुनाव का ऐलान कर दिया। नतीजा यह हुआ कि पार्टी 8-9 सीटों के अंतर से चुनाव हार गई। अब यही आशंका है कि कहीं, आगामी लोकसभा में भी पार्टी इसी मनोदशा की शिकार न हो जाए।

भाजपा के पक्ष में यह बातें
वैसे भाजपा के लिए राहत की बात यह है कि आम जनता भी बड़े उत्साह के साथ पीएम मोदी की तरफ देख रही है, जो फिलहाल दुनिया में सबसे बड़े कद वाले नेता की पहचान बना चुके हैं। पीएम मोदी ने साल 2047 तक भारत को विकसित बनाने की जिस तरह खाका खींचा है, उसने उन्हें वर्ल्ड लीडर के तौर अहम पहचान दी है। ऐसे में अगर चुनावी नजरिए से देखें तो भाजपा के पास एक नेता का करिश्मा है और अब उसे सही नंबर्स की तलाश रहेगी। भाजपा के पास फिलहाल उत्तर प्रदेश में बढ़ा हुआ आंकड़ा है। कुछ ऐसा ही हाल महाराष्ट्र में भी है। इसके अलावा पश्चिम बंगाल, बिहार में भी संख्या बढ़ी है। बता दें कि लोकसभा चुनाव में लोग प्रधानमंत्री के चेहरे पर वोट करते हैं, ना कि लोकल मुद्दों पर। ऐसे में भाजपा का स्कोर अच्छा होना तय है।

कांग्रेस का क्या हाल?
कांग्रेस की बात करें तो उसे अभी काफी काम करने की जरूरत है। इस पार्टी को एक ऐसा विजन तैयार करना होगा जो वह लोगों तक पहुंचा सके। कांग्रेस को आम जनता को यह बताना होगा कि वह देश को कहां ले जाना चाहती है। यह विजन जाति जनगणना नहीं हो सकती है। इससे हिंदू वोटर्स में बंटवारा नहीं होने वाला है। फिलहाल देश के लोग देश को आगे बढ़ते देखना चाहते हैं और वैश्विक स्तर पर भी इसकी छवि गढ़ते देखना चाहते हैं। इसके हिसाब से देखें तो कांग्रेस भाजपा को चुनौती देने की हालत में नहीं दिखाई दे रही है।

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