इजरायल के साथ हुए समझौते के तहत हमास ने 25 बंधकों को रिहा कर दिया है। इन बंधकों में 12 थाईलैंड और 13 इजरायली नागरिक शामिल हैं। हमास आतंकियों ने सात अक्टूबर को इजरायल पर अचानक किए गए हमले के दौरान कई लोगों को बंधक बना लिया था।
वे इन्हें गाजा में ले गए थे और बाद में रिहा करने के लिए शर्त रख दी थी। थाईलैंड के प्रधानमंत्री श्रेथा थाविसिन ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में लिखा कि गाजा से 12 थाई बंधकों को रिहा कर दिया गया है और दूतावास के अधिकारी उन्हें लेने के लिए जा रहे हैं। उन्होंने कहा, रिहा किए गए बंधकों के नाम और अन्य विवरण जल्द ही पता चल जाएंगे।
इजरायली न्यूज वेबसाइट i24NEWS की रिपोर्ट के अनुसार, हमास द्वारा 13 इजरायली बंधकों को भी रिहा कर दिया गया है और हमास ने उन्हें रेड क्रॉस को सौंप दिया है। रिहा किए गए बंधक राफा क्रॉसिंग की ओर जा रहे हैं। इससे पहले ,इजरायल और हमास के बीच समझौते के तहत चार दिवसीय युद्ध विराम शुक्रवार को सुबह प्रभावी हो गया। युद्ध विराम के कुछ घंटे बाद संघर्ष की कोई खबर नहीं है। इस कूटनीतिक सफलता से गाजा में 23 लाख लोगों के लिए कुछ राहत दिखाई दे रही है, जिन्होंने हफ्तों तक इजरायली बमबारी को सहा है। यह इजराइल में उन परिवारों के लिए भी राहत भरी खबर है जो सात अक्टूबर के हमास के हमले के दौरान बंदी बनाए गए अपने प्रियजनों को लेकर चिंतित हैं।
हालांकि, इजरायल ने कहा है कि संघर्ष विराम समाप्त होने के बाद वह बड़े पैमाने पर हमले फिर से शुरू करने के लिए प्रतिबद्ध है। इजराइल ने कहा कि संघर्ष विराम के प्रभाव में आने के कुछ ही देर बाद ईंधन के चार टैंकरों और रसोई गैस सिलेंडर के चार टैंकरों ने मिस्र से गाजा पट्टी में प्रवेश किया। इजराइल ने संघर्ष विराम के दौरान प्रति दिन 1,30,000 लीटर ईंधन की आपूर्ति की सहमति जताई है। हालांकि गाजा की 10 लाख लीटर से अधिक की दैनिक जरूरत की तुलना में यह छोटा हिस्सा है। इजराइल ने पिछले सात सप्ताह में युद्ध के दौरान गाजा में ईंधन की आपूर्ति रोक रखी थी। उसका दावा था कि हमास सैन्य मकसद से इसका इस्तेमाल कर सकता है।
सात अक्टूबर को हमास आतंकियों ने इजरायल पर हमला बोला था। उस समय 1400 से ज्यादा इजरायली नागरिकों की हत्या कर दी गई थी, जबकि कइयों को बंधक बना लिया गया था। इसके बाद इजरायल ने इसे युद्ध करार देते हुए पलटवार किया और गाजा पट्टी में लगातार मिसाइलें दागीं। बड़ी संख्या में हमास के आतंकियों को मौत के घाट उतारा जा चुका है। हालांकि, इजरायली हमलों का शिकार आम लोग भी हुए हैं। गाजा में मरने वालों की कुल संख्या 15 हजार से भी अधिक पहुंच चुकी है।