यूपी के अनुदानित और मान्यता प्राप्त मदरसों के छात्र-छात्राओं की पढ़ाई अब आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के वीडियो से करवाई जाएगी। इसके अलावा अन्य अल्पसंख्यक समुदाय जैसे पंजाबी भाषाओं में पढ़ाई करने वाले बच्चे भी इसका लाभ उठाएंगे।
इस बारे में राज्य के अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री धर्मपाल सिंह ने विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि इन एआई वीडियो की पहुंच को बढ़ाने और सभी को एआई का ज्ञान प्राप्त कराने एवं उनको लाभान्वित करने के उद्देश्य से इन वीडियो का उर्दू एवं पंजाबी भाषा में अनुवाद किया जाए। इन वीडियो को उर्दू एवं पंजाबी भाषा में अनुवाद कराने के लिए रजिस्ट्रार-निरीक्षक उत्तर प्रदेश मदरसा शिक्षा परिषद को निर्देश दिए गए।
धर्मपाल सिंह ने बुधवार को विधानसभा में अपने कार्यालय कक्ष में अल्पसंख्यक कल्याण विभाग की बैठक की। इस दौरान उन्होंने बताया कि अपर मुख्य सचिव, अल्पसंख्यक कल्याण मोनिका एस.गर्ग द्वारा गठित टीम की ओर से आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की आधारभूत जानकारी के लिए 22 वीडियो तैयार कराए गए हैं, जो कि बहुत ही वृहद एवं ज्ञानवर्धक है। इन ई-लर्निंग माडयूल की उपयोगिता को देखते हुए उत्तराखंड राज्य अकादमी द्वारा राज्य कार्मिकों को प्रशिक्षण दिए जाने वाले प्रशिक्षण पाठ्यक्रम में शामिल कर लिया गया है।
इसके साथ ही धर्मपाल सिंह ने कहा कि उत्तर प्रदेश के पालिटेक्निकों में इन वीडियो लेक्चर्स को आंतरिक पाठ्यक्रम में शामिल करते हुए क्रेडिट भी प्रदान किए गए हैं। उत्तर प्रदेश उच्च शिक्षा परिषद ने सभी विश्वविद्यालयों को सलाह दी हैं कि इस ई-लर्निंग मॉड्यूल को डिजिटल जागरूकता के अनिवार्य पाठ्यक्रम में सम्मिलित किया जा सकता है।
अल्पसंख्यक कल्याण एवं वक्फ विभाग की अपर मुख्य सचिव मोनिका एस.गर्ग ने कहा कि विभागीय मंत्री से प्राप्त दिशा-निर्देशों का अनुपालन सुनिश्चित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि आर्टिफिशियल इंटेजिलेंस की शिक्षा में निवेश आने वाली पीढ़ियों में किया गया निवेश है और इसमें मदरसों के छात्रों को इस नई तकनीक की जानकारी मिलने से वह नई टेक्नोलॉजी का अध्ययन विश्व स्तरीय कॉलेजों में कर पाएंगे।