गाजीपुर की एमएपी/एमएलए कोर्ट में शुक्रवार को गैंगस्टर मामले में माफिया मुख्तार अंसारी को दस साल की सजा सुना दी। सजा सुनाने से पहले मुख्तार अंसारी ने अपनी बीमारी और उम्र का हवाला देकर राहत की मांग की।
अधिवक्ता के जरिए अपनी बात रखते हुए हाई ब्लडप्रेशर, शुगर, सर्वाइकल जैसी गंभीर बीमारियां औ दो बार हार्टअटैक और 60 से अधिक उम्र का हवाला देकर कम सजा देने की गुहार लगाई। हालांकि बीमारियों के संबंध में कोई साक्ष्य प्रस्तुत नहीं कर सका। ऐसे में कोर्ट ने गैंगस्टर मामले में अधिकतम सजा यानी दस साल कैद की सजा सुना दी।
शुक्रवार की दोपहर में वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से मुख्तार बांदा जेल से अदालत में पेश किया गया। सबसे पहले अभियोजन की ओर से शासकीय अधिवक्ता नीरज श्रीवास्तव ने अपना पक्ष रखा। उन्होंने कहा कि अभियुक्त मुख्तार के अपराध गंभीर प्रकृति के हैं। अंसारी का गंभीर आपराधिक इतिहास रहा है। साबित करने के लिए पुलिस की ओर से साक्ष्य भी प्रस्तुत किए गए हैं। मुख्तार पहले से ही दोषसिद्ध अपराधी है। ऐसे में अधिकतम दंड का हकदार है।
इसके बाद मुख्तार के अधिवक्ता लियाकत अली ने तर्क दिया कि मुख्तार अंसारी 2005 से लगातार जेल में निरूद्ध है। इस प्रकरण में भी करीब सात साल से अधिक समय से जेल में बंद है। वर्तमान समय में उसकी उम्र 60 वर्ष से अधिक है। वह उच्च रक्तचाप, शुगर, सर्वाइकल जैसी गंभीर बीमारियों से जूझ रहा है। दो बार हार्टअटैक भी आ चुका है।
अभियुक्त सोनू के संदर्भ में भी अपील करते हुए वकील लियाकत अली ने कोर्ट से कहा कि वह गरीब व्यक्ति है और अपने परिवार का अकेला कमाने वाला व्यक्ति है। उसका कोई पूर्व आपराधिक इतिहास नहीं है।
अभियोजन व बचाव पक्ष को सुनने के बाद कोर्ट ने कहा कि पत्रावली पर उपलब्ध साक्ष्य के आधार पर अभियुक्त मुख्तार अंसारी के संदर्भ में यह तथ्य साबित हुआ कि वह गिरोह का गैंग लीडर व प्रमुख सदस्य है। वहीं सोनू यादव गिरोह का सदस्य मात्र है। अभियोजन की ओर से मुख्तार को पूर्व में सुनाए गए सजा के बारे में भी कागजात पेश किए गए हैं।
अभियुक्त मुख्तार की ओर से दिए गए तर्क के अनुसार उसे उच्च रक्तचाप, शुगर व सर्वाइकल संबंधी बीमारी है लेकिन कोई भी दस्तावेजी साक्ष्य प्रस्तुत नहीं किया गया है। कोर्ट ने कहा कि मुख्तार वर्तमान समय में 60 वर्ष से अधिक आयु का है। उपरोक्त तथ्य एवं परिस्थितियों को दृष्टिगत रखते हुए दोनों को दंडित किया जाता है।
बांदा जेल में नहीं मिल पा रहा बीमारियों का समुचित इलाज
वहीं, बाराबंकी में भी मुख्तार अंसारी पर दर्ज गैंगस्टर एक्ट के मुकदमे की सुनवाई शुक्रवार को हुई। इस दौरान मुख्तार के अधिवक्ता ने कोर्ट में प्रार्थना पत्र देकर कहा कि बांदा जेल में समुचित इलाज नहीं हो रहा है। एम्बुलेंस के फर्जी पते पर पंजीकरण के मामले में दर्ज केस में मुख्तार का नाम भी पुलिस ने जांच के दौरान बढ़ाया था। इसी मामले में पुलिस ने बाद में मुख्तार समेत सभी आरोपियों पर गैंगेस्टर एक्ट का मुकदमा भी लिखा था।
अपर सत्र न्यायाधीश एमपी-एमएलए कृष्ण चन्द सिंह की कोर्ट में शुक्रवार को गैंगस्टर के मुकदमे की सुनवाई थी। इस दौरान आरोपी मुख्तार अंसारी बाँदा जेल से वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए हाजिर था। कोर्ट में कार्रवाई के दौरान अधिवक्ता रणधीर सिंह सुमन ने मुख्तार अंसारी की ओर से एक पत्र दिया जिसमें मुख्तार ने कहा है कि वह बहुत सारी गंभीर बीमारियों से ग्रसित हैं जिसका समुचित इलाज जिला कारागार बांदा में नहीं हो पा रहा है। ऐसी दशा में कोर्ट के आदेश की आवश्यक्ता है जिससे जेल मैनुअल के अनुरूप मुझे समुचित इलाज दिए जाने का आदेश पारित किया जाए।
मुख्तार के अधिवक्ता रणधीर सिंह सुमन ने बताया की बांदा जेल में पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी का ठीक से इलाज नहीं किया जा रहा है जिसके कारण अदालत में पत्र दिया गया है। उन्होंने बताया कि कोर्ट ने मामले की सुनवाई की अगली तारीख छह नवम्बर निर्धारित की है। कोर्ट की कार्रवाई के दौरान आरोपी अफरोज उर्फ चुन्नू गाजीपुर और ज़फर उर्फ चन्द संतकबीर नगर से वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए पेश हुए।