स्वामी प्रसाद मौर्य के फिर बिगड़े बोल, अब बोले- जनवरी में अयोध्या में नाटक शुरू होने वाला है
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हमेशा से अपने विवादित बयानों से चर्चा में रहने वाले सपा नेता और पूर्व स्वामी प्रसाद मौर्य के लहजे में कोई सुधार देखने को नहीं मिला है। रविवार को बांदा में आयोजित बौद्ध सम्मेलन में बोलते हुए स्वामी के बोल फिर बिगड़ गए।

जिन्ना को लेकर दिए गए बयान के बाद स्वामी ने अब राम मंदिर को लेकर विवादित बयान दे डाला। जनवरी में होने वाली राम मंदिर की प्राण-प्रतिष्ठा को स्वामी ने नाटक करार दे दिया। स्वामी का निशाना साफ तौर पर भाजपा पर था। स्वामी प्रसाद मौर्य कहा, जनवरी में एक नाटक शुरू होने वाला है। वह नाटक है राम मंदिर की प्राण-प्रतिष्ठा का। उन्होंने आगे कहा, राम मंदिर की प्राण-प्रतिष्ठा पर सवाल उठाते हुए कहा, जो हजारों सालों से पूजा जा रहा हो, जो लाखों करोड़ों के आराध्य हैं, जो भगवान राम को मानने वाले हैं, उनकी पूजा करते हैं, जन-जन में बसें हैं, उसमें प्राण-प्रतिष्ठा आप क्या करोगे? फिर प्राण-प्रतिष्ठा का नाटक क्यों। स्वामी के इस नए विवादित बयान के बाद सियासी में एक बार फिर हलचल पैदा हो गई। वहीं सपा से जब स्वामी की इस बयानबाजी के बारे में पूछा गया तो उनकी तरफ से स्वामी का निजी बयानबाजी बताया गया।

पीएम मोदी के बयान को लेकर भी बोले थे स्वामी

पूर्व कैबिनेट मंत्री और सपा के राष्ट्रीय महासचिव स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने अमेरिका और फ्रांस में बोला कि हिन्दू धर्म नहीं बल्कि जीवन जीने की एक शैली है। यही बात अगर हमने कह दी तो बवंडर खड़ा हो गया। बौद्ध समाज से जुड़े लोगों से कहा कि कसम खाओ, जो सिर कलम करना चाहते हैं, उनके सामने सीना तानकर खड़ा होना होगा। पूर्व मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री के बाद नितिन गडकरी ने मीडिया के सामने कहा कि हिन्दू धर्म नहीं बल्कि जीवन जीने की व्यवस्था है। अगर हमने यह बात कह दी तो हमारा सिर कलम करने की बात कही गई। सिर कलम करने वाले को ईनाम देने तक का दावा भी किया गया।

अखिलेश ने जब आवास खाली किया था तो उसे गंगाजल से धुलवाया गया : स्वामी

सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य यहीं नहीं रुके। स्वामी ने कहा, सपा के राष्ट्रीय महासचिव ने कहा कि अखिलेश यादव ने जब मुख्यमंत्री आवास खाली किया तो उसे गोमूत्र और गंगाजल से धुलवाया गया। ऐसा सिर्फ इसलिए किया गया कि अखिलेश पिछड़ी जाति से थे। शूद्रों का लगातार अपमान किया गया। कहा कि संविधान कहता है कि पाखंड और रूढ़िगत परंपराओं से बाहर निकलें। उन्होंने कहा कि जो संविधान के दुश्मन हैं, वो देश के दुश्मन हैं। संविधान विरोधियों को धूल चटाने केलिए सीना तानकर खड़ा होना होगा। कहा कि धर्म की आड़ में पिछड़ों और शूद्रों को पढ़ने-लिखने से रोका गया, कपड़ा पहनने, खाने से रोका गया। कहा कि संविधान के मुताबिक देश का हर नागरिक समान है। संविधान देश के 139 करोड़ लोगों की बात करता है। इसके अलावा अन्य मुद्दों पर भी पूर्व मंत्री खुलकर बोले ।

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