कनाडा में हिंदू मंदिर भी बन रहे निशाना, दो महीने में ही 6 में तोड़फोड़; क्या बोली सरकार
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खालिस्तानी आतंकियों के लिए स्वर्ग बने कनाडा में हिन्दू मंदिरों पर हमले और तोड़फोड़ रुक नहीं रहे हैं। पिछले महीने सितंबर से अब तक ओंटारियो प्रांत में कम से कम छह हिंदू मंदिरों को तोड़ा जा चुका है, जबकि डरहम क्षेत्रीय पुलिस ने इस महीने तीन मंदिरों से चोरियों का खुलासा किया है।

पुलिस की विज्ञप्ति से यह तथ्य सामने आया है कि सितंबर से लेकर अब तक कुल छह मंदिरों को निशाना बनाया जा चुका है।

डरहम पुलिस की विज्ञप्ति में कहा गया है कि 8 अक्टूबर के शुरुआती घंटों में उसके अधिकार क्षेत्र में तीन मंदिरों में लगातार तोड़फोड़ और अवैध प्रवेश की खबरें आईं। जिन मंदिरों में ये घटनाएं घटित हुई हैं, उनमें पिकरिंग का देवी मंदिर,अजाक्स का संकट मोचन मंदिर और ओशावा का हिंदू मंदिर डरहम शामिल है। देवी मंदिर की दान पेटी चोरी होने से बच गई क्योंकि परिसर में रहने वाले पुजारी गिरीश खाली ने संदिग्ध चोर को देखते ही फायर अलार्म बजा दिया था। इससे संदिग्ध भाग गया।

बता दें कि ग्रेटर टोरंटो एरिया (GTA) में तीन मंदिर हैं। ब्रैम्पटन में चिंतपूर्णी मंदिर, जिसे 9 सितंबर को निशाना बनाया गया, कैलेडॉन में रामेश्वर मंदिर, जिसे 18 सितंबर को लूटा गया और मिसिसॉगा में हिंदू हेरिटेज सेंटर, जिसे 4 अक्टूबर को निशाना बनाया गया।

पुलिस ने संदिग्ध को 5 फीट 9 इंच का लंबा और लगभग 200 पाउंड वजन वाला हट्टाकट्ठा शख्स बताया है। उसने नीले रंग का सर्जिकल मास्क पहन रखा था। पुलिस के मुताबिक, संदिग्ध ने काले पूफी जैकेट, ग्रीन कैमो कार्गो पैंट और हरे रंग का रनिंग जूता पहना रखा था। सीसीटीवी फुटेज में उसे लंगड़ाकर चलते हुए देखा गया। हिंदुस्तान टाइम्स द्वारा देखे गए हिंदू हेरिटेज सेंटर के सीसीटीवी फुटेज में भी घुसपैठिया लंगड़ाकर चलते हुए दिख रहा है।

22 सितंबर को फेसबुक पर एक बयान में, रामेश्वर मंदिर प्रबंधन ने कहा था, “सुरक्षा में सेंधमारी के लिए जिम्मेदार लोगों को पकड़ने के लिए पुलिस जांच कर रही है। हम इस मामले को तेजी से सुलझाने के प्रयासों में अधिकारियों के साथ पूरा सहयोग कर रहे हैं।” बयान में कहा गया है, “हम जनता को आश्वस्त करना चाहते हैं कि हम इस घटना को बहुत गंभीरता से लेते हैं और हम अपने आगंतुकों, भक्तों की सुरक्षा और कल्याण और अपने परिसर की सुरक्षा को प्राथमिकता देना जारी रखेंगे।”

बता दें कि 2021 के अंत में और पिछले साल की शुरुआत में जीटीए में इसी तरह की चोरियां हुई थीं। तब इस तरह की कम से कम 18 सेंधमारी हुई थीं। मार्च 2022 में उन चोरियों के सिलसिले में तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया था, जिन्होंने भारतीय-कनाडाई समुदाय में चिंता पैदा कर दी थी।

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