यूपी में अब टूटेगी अपराधियों की कमर, पुलिस ने लोगों की मदद से किया ये काम
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मंडल की पुलिस अब अपराधियों पर एक जगह बैठे-बैठे नजर रख सकेगी। इसके लिए दृष्टि अभियान के तहत मुरादाबाद रेंज में 42,191 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। ये कैमरे रेंज के पांचों जिलों में लोगों के सहयोग से उनके यहां स्थापित कराए गए हैं।

थाने पर बने कंट्रोल रूम से इन कैमरों के माध्यम से नियमित निगरानी हो सकेगी। निगरानी बढ़ने से अपराध पर प्रभावी नियंत्रण लगने की उम्मीद है।

शासन ने बीते 10 जुलाई से मिशन त्रिनेत्र/दृष्टि अभियान की शुरुआत की थी। इसके तहत सभी थाना प्रभारियों को अपने-अपने थाना क्षेत्र में अधिक से अधिक सीसीटीवी कैमरे स्थापित कराने का निर्देश दिया गया था। शासन की मंशा है कि अधिक से अधिक सीसीटीवी कैमरे लगने से हर गतिविधि पर नजर रखी जा सकेगी। इन कैमरों की मदद से प्रत्येक थाना क्षेत्र का प्रमुख चौराहा, बाजार, मोड़, गलियां और अन्य प्रमुख स्थान सीसीटीवी कैमरे की नजर में होंगे। इससे अपराध पर भी लगाम लगेगा।

मुरादाबाद रेंज में डीआईजी मुनिराज जी और जिले में एसएसपी हेमराज मीणा ने दृष्टि अभियान पर काफी जोर दिया। बार-बार इसकी समीक्षा करते हुए कैमरों की संख्या बढ़ाने के लिए दोनों अधिकारी सीओ से लेकर थाना प्रभारियों तक को निर्देशित करते रहे। इसका सकारात्मक असर भी नजर आया। मुरादाबाद रेंज के बिजनौर, मुरादाबाद, रामपुर, संभल और अमरोहा जिले को मिलाकर 5 सितंबर तक कुल 42,191 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। इसमें सर्वाधिक 11,253 कैमरा बिजनौर जिले में लगा है। जबकि सबसे कम 6,85 कैमरे अमरोहा जिले में लगाए गए हैं। डीआईजी ने इनकी संख्या और बढ़ाने का निर्देश दिया है।

सवा लाख पुलिसकर्मियों की जगह काम करेंगे कैमरे

रेंज के पांचों जिलों में 42 हजार 191 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। यदि इतने स्थानों पर पुलिस कर्मी की तैनाती करके निगरानी कराई जाती तो सवा लाख से अधिक सिपाहियों की जरूरत पड़ती। दरअसल, यदि पुलिस इन स्थानों पर पिकेट बनाकर एक-एक पुलिसकर्मी भी तैनात करती, तो प्रत्येक स्थान के लिए आठ-आठ घंटे की ड्यूटी के हिसाब से कम से कम तीन सिपाहियों को लगाना पड़ता। इस तरह 42 हजार 191 स्थानों के लिए कुल 1 लाख 26 हजार 573 सिपाहियों की अतिरिक्त जरूरत पड़ती। लेकिन अब सीसीटीवी कैमरे ही इतने सिपाहियों की ड्यूटी कर सकेंगे। थाने पर बैठा एक ही सिपाही सभी जगह नजर रख सकेगा।

सीसीटीवी कैमरे अपराधों के खुलासे में मददगार साबित हो रहे हैं

पुलिस में मुखबिर तंत्र कमजोर पड़ने के बाद सीसीटीवी कैमरे बड़े उपयोगी साबित हो रहे हैं। मुरादाबाद में भी सीसीटीवी कैमरों की मदद से कई बड़े खुलासे हुए हैं। उदाहरण के लिए सीए श्वेताभ तिवारी और स्पोर्ट कारोबारी कुशांक गुप्ता हत्याकांड का खुलासा सीसीटीवी कैमरों की मदद से हुआ था। पुलिस ने हत्यारों की पहचान उनके चेहरे और वाहन की मदद से की थी। इसी तरह बुद्धि विहार से छात्र के अपहरण का खुलासा भी सीसीटीवी कैमरों की मदद से हुआ था। पुलिस ने अपहरणकर्ताओं को उनके वाहन की मदद से पकड़ लिया था। मझोला क्षेत्र में सिपाही और सिविल लाइंस थाना क्षेत्र में हुई लाखों रुपये की चोरियों का खुलासा भी सीसीटीवी कैमरों की मदद से हुआ था। पुलिस ने चोरों को उनके वाहन की मदद से पकड़ लिया था। इन खुलासों से यह साबित होता है कि सीसीटीवी कैमरे अपराधों को रोकने और उनका खुलासा करने में बहुत कारगर हैं। यही कारण है कि शासन से लेकर पुलिस अफसर तक इस पर जोर दे रहे हैं।

कैमरों से बढ़ेगी निगरानी, मजबूत होगी पुलिसिंग

डीआईजी मुनिराज का कहना है कि पुलिसिंग को और बेहतर करने और निगरानी बढ़ाने के लिए दृष्टि अभियान के तहत सीसीटीवी कैमरे लगवाए जा रहे हैं। इसके लिए सभी जिलों के कप्तानों के साथ ही थाना प्रभारियों तक को निर्देशित किया गया है। इस अभियान की नियमित रूप से मॉनिटरिंग की जा रही है। अब तक हमने 42 हजार से अधिक कैमरे लगवा लिए हैं, जो हमें प्रदेश के टॉप रेंज में शामिल करता है। और भी सीसीटीवी कैमरे लगवाने का प्रयास किया जा रहा है। इससे अपराध नियंत्रण और वारदातों के खुलासे में मदद मिलेगी।

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