आरजेडी सांसद मनोज झा के राज्यसभा में महिला आरक्षण बिल पर चर्चा के दौरान ‘ठाकुर का कुंआ’ कविता पाठ पर सियासी घमासान मच गया है। इस पर खास समाज के नेताओं ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। इस बीच गुरुवार को आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद ने इस मामले पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि मनोज झा विद्वान आदमी हैं।
उन्होंने ठाकुर के खिलाफ कुछ भी नहीं बोला है। जो उनका विरोध कर रहे हैं वो जान लें कि किसी भी समाज का अपमान नहीं हुआ है। गुरुवार को पूर्व सांसद शिवानन्द तिवारी की पुस्तक सड़क से संसद तक, राज्यसभा में दिए गए भाषणों के संग्रह का लोकार्पण करने पहुंचे लालू प्रसाद ने ये बातें कहीं। बता दें कि बुधवार को बीजेपी सांसद सुशील मोदी ने आरोप लगाते हुए कहा था कि मनोज झा ने ठाकुर जाति का अपमान किया है, जिसको लेकर तेजस्वी यादव को माफी मांगनी चाहिए।
क्या कहा था मनोज झा ने
महिला आरक्षण विधेयक पर राज्यसभा में चर्चा के दौरान आरजेडी सांसद मनोज झा ने अपने संबोधन में ओम प्रकाश वाल्मीकि की कविता का संदर्भ देने से पहले कहा था कि इसमें प्रतीक है, वो किसी जाति विशेष के लिए नहीं है, क्योंकि सबके अंदर एक ठाकुर है, जो न्यायालय में बैठा हुआ है, विश्वविद्यालयों में बैठा हुआ है, संसद की दहलीज को चेक करता है। उन्होंने कहा कि वो ठाकुर मैं भी हूं, वो ठाकुर संसद में हैं, वो ठाकुर विश्वविद्यालयों में है, यह ठाकुर विधायिका को कंट्रोल करता है, इस ठाकुर को मारो, जो अंदर है। इसके बाद उन्होंने कविता पढ़ी : “ चूल्हा मिट्टी का, मिट्टी तालाब की, तालाब ठाकुर का/ भूख रोटी की, रोटी बाजरे की, बाजरा खेत का, खेत ठाकुर का/ बैल ठाकुर का, हल ठाकुर का, हल की मूठ पर हथेली अपनी, फसल ठाकुर की/ कुंआ ठाकुर का, पानी ठाकुर का, खेत-खलिहान ठाकुर के, गली-मोहल्ले ठाकुर के, फिर अपना क्या ?“
वहीं नीतीश कुमार से मुलाकात को लेकर आरजेडी प्रमुख ने कि वो मुख्यमंत्री हैं, यदाकदा मुझसे मिलने के लिए मेरे आवास पर आते रहते हैं, हम भी उनसे मिलने के लिए जाते हैं। हम उनका रिस्पेक्ट करते हैं। इस बीच आरजेडी सूत्रों के अनुसार लालू प्रसाद व नीतीश कुमार की मुलाकात के बीच इंडिया गठबंधन को मजबूत बनाने और बिहार में महागठबंधन के घटक दलों के बीच सीट शेयरिंग को लेकर चर्चा होने की संभावना है। हालांकि, इस पर अबतक किसी नेता का अधिकृत सार्वजनिक बयान नहीं आया है।