
कनाडा से जारी तनाव के बीच विदेश मंत्री एस जयशंकर ने मंगलवार को यूनाइटेड नेशंस के मंच से कड़ा जवाब दिया। जयशंकर ने कहा कि आतंकवाद या चरमपंथ के खिलाफ किसी देश की प्रतिक्रिया का आधार राजनीतिक सुविधा नहीं हो सकती।
इसके साथ ही उन्होंने क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान करने की जरूरत पर जोर दिया। भारतीय विदेश मंत्री ने आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप नहीं करने का भी आह्वान किया। संयुक्त राष्ट्र महासभा में जयशंकर की यह टिप्पणी कनाडा के साथ जारी राजनयिक विवाद के बीच आई है।
अन्य देशों के साथ साझेदारी का हवाला
संयुक्त राष्ट्र महासभा में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि हमने 75 देशों के साथ विकासात्मक साझेदारी बनाई है। आपदा और आपातकालीन स्थिति में भी हम पहले उत्तरदाता बने हैं। तुर्की और सीरिया के लोगों ने यह देखा है। इसके अलावा उन्होंने भारत में हाल ही में पास हुए महिला आरक्षण विधेयक भी चर्चा की। जयशंकर ने कहा कि हमारा नवीनतम दावा विधायिकाओं में महिलाओं के लिए एक तिहाई सीटें आरक्षित करने के लिए अग्रणी कानून है। मैं एक ऐसे समाज के लिए बोलता हूं जहां लोकतंत्र की प्राचीन परंपराओं ने गहरी आधुनिक जड़ें हैं। परिणामस्वरूप, हमारी सोच, दृष्टिकोण और कार्य अधिक जमीनी और प्रामाणिक हैं।
कनाडा का ऐसा है दावा
गौरतलब है कि कनाडा ने दावा किया है कि जून में खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में ‘दिल्ली के एजेंट’ शामिल थे। आतंकवाद के आरोपों में भारत में वांटेड निज्जर कनाडा का नागरिक था। इससे पहले भारतीय विदेश मंत्री ने कहा कि भारत का दृष्टिकोण एक धरती, एक परिवार और एक भविष्य वाला है। यह कुछ देशों के संकीर्ण हितों पर नहीं, बल्कि कई राष्ट्रों की प्रमुख चिंताओं पर ध्यान केंद्रित करने का प्रयास करता है। इसके अलावा जयशंकर एजेंडाधारी देशों पर भी खूब बरसे। उन्होंने कहा कि वे दिन बीत गये जब कुछ राष्ट्र एजेंडा तय करते थे और उम्मीद करते थे कि दूसरे भी उनकी बातें मान लें।