चांद के दक्षिणी ध्रुव पर सफलतापूर्वक लैंड कर चुके चंद्रयान-3 को 15 दिन का वक्त हो चुका है। विक्रम लैंडर से बाहर निकलकर प्रज्ञान रोवर ने 14 दिनों में चांद की सतह का बारीकी से अध्ययन किया।अब क्योंकि चांद पर रात हो चुकी है तो माइनल 280 डिग्री के तापमान पर रोवर विक्रम लैंडर के अंदर आराम कर रहा है। सौर ऊर्जा से चलने वाले रोवर की बैटरी फुल चार्ज है और 14 दिन के बाद रोवर की चांद पर अगली यात्रा फिर शुरू होगी। इन 14 दिनों के भीतर रोवर ने चांद पर कई महत्वपूर्ण तत्वों की खोज की है। साथ ही दुर्लभ तस्वीरें भी भेजी। इसरो ने अब प्रज्ञान रोवर द्वारा भेजी लेटेस्ट तस्वीर को नए और अनोखे अंदाज में पेश किया है। इस तस्वीर में चांद की सतह लाल और नीले रंग की दिख रही है। चांद पर ये निशान कैसे बन गए? चलिए जानते हैं…इसरो ने मंगलवार 5 सितंबर की शाम X पर एक तस्वीर पोस्ट की। इस तस्वीर में इसरो ने प्रज्ञान रोवर द्वारा भेजी गई 30 अगस्त की तस्वीर को रि-पोस्ट किया है। इसरो ने पोस्ट के साथ जानकारी दी कि यह तस्वीर एनाग्लिफ़ स्टीरियो या मल्टी-व्यू छवियों से तीन आयामों में वस्तु या इलाके का एक सरल दृश्य है।
इस तस्वीर को एनाग्लिफ़ NavCam स्टीरियो इमेज का उपयोग करके बनाया गया है, जिसमें प्रज्ञान रोवर द्वारा ली गई छवि है।इसरो के मुताबिक, बाईं छवि लाल चैनल में स्थित है, जबकि दाहिनी छवि नीले और हरे चैनल में रखी गई है। इन दोनों छवियों के बीच का अंतर स्टीरियो प्रभाव है, जो तीन आयामों के दृश्य प्रभाव बताता है।गौरतलब है कि प्रज्ञान रोवर पर लगे इस अत्याधुनिक कैमरे NavCam को LEOS/ISRO द्वारा विकसित किया गया है। इसकी डाटा प्रोसेसिंग इसरो द्वारा की जा रही है।