
पीएम मोदी की काशी को सीएम योगी एक और सौगात देने जा रहे हैं। बनारस को जल्द ही एक और मेडिकल कॉलेज की सौगात मिलने वाली है। इसके लिए जिला प्रशासन ने पांडेयपुर स्थित मानसिक अस्पताल परिसर में जमीन चिह्नित कर ली है।
डीपीआर तैयार किया जा रहा है। राज्य सरकार की ओर से जिले में यह पहला मेडिकल कॉलेज होगा। इसके बनने से बीएचयू के सर सुंदरलाल अस्पताल पर दबाव कम होगा। मरीजों को इलाज में काफी सहूलियत होगी।
वर्तमान में जिले में सिर्फ एक मेडिकल कॉलेज बीएचयू परिसर में है। वहां बनारस सहित आसपास के जिलों के साथ बिहार, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के मरीजों का भारी दबाव है। उसे देखते हुए राज्य सरकार ने जिले में नया मेडिकल कॉलेज खोलने का निर्णय लिया है।
10 दिन पूर्व डीएम ने देखी जमीन
डीएम एस. राजलिंगम प्रस्तावित मेडिकल कॉलेज की जमीन देखने करीब दस दिन पहले मानसिक अस्पताल गए थे। वहां लेखपाल से परिसर के अलावा खाली जमीन की नापी कराई गई थी। अस्पताल परिसर के अंदर 14.65 बीघा जबकि चहारदीवारी के बाहर 9.45 बीघा जमीन है।
मानक के अनुसार जिला अस्पताल के आसपास पांच किमी दूरी के अंदर अथवा 30 मिनट के सफर पर मेडिकल कॉलेज की जमीन होनी चाहिए। जिला अस्पताल से मानसिक अस्पताल जाने में पांच मिनट लगेगा। इसलिए प्रशासन ने इसे मेडिकल कॉलेज के लिए चिह्नित किया है।
जिला अस्पताल से जुड़ेगा
मेडिकल कॉलेज में अलग से अस्पताल नहीं बनेगा। उसे जिला अस्पताल से जोड़ा जाएगा। मानसिक अस्पताल में एकेडमिक और जिला अस्पताल में क्लीनिकल सुविधाएं दी जाएगी।
सीएमओ डॉ. संदीप चौधरी ने कहा कि नए कॉलेज पर अंतिम निर्णय शासन व प्रशासन का होगा।
जिला अस्पताल में बेड बढ़ेंगे
जिला अस्पताल में 250 बेड स्वीकृत हैं। जबकि 125 बेड संचालित हो रहे हैं। राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग की गाइड लाइन के अनुसार सौ सीटों वाले मेडिकल कॉलेज के अस्पताल में 430 बेड और दो सौ सीटों वाले कॉलेज में बेड संख्या 830 होनी चाहिए। अभी यह तय नहीं है कि मेडिकल कॉलेज कितने सीटें होंगी। उनके मुताबिक जिला अस्पताल में बेड बढ़ेंगे। साथ ही माइक्रोबायोलोजी लैब, एमआरयू लैब, एमआरआई, स्पेशलिस्ट डॉक्टर, ट्रॉमा सेंटर आदि सुविधाएं भी बढ़ेंगी। इससे वरुणापार के मरीजों को काफी राहत होगी।