शनिवार की रात अनोखी खगोलीय घटना होने जा रही है। आसमान से शनिवार और रविवार की रात सितारों की बारिश होगी। इन्हें खुली आंखों से भी देखा जा सकेगा। साल के इस हिस्से में होने वाली उल्कावृष्टि या ‘टूटते तारों’ की बारिश को पर्सेड कहा जाता है।
खास यह है कि इस उल्कावृष्टि को भारत के सभी हिस्सों में देखा जा सकता है। शनिवार और रविवार देर रात 2 से 3 बजे के बीच में आसमान में यह नजारा देखा जा सकता है। नासा की वेबसाइट के अनुसार 12 और 13 अगस्त की मध्यरात्रि यह नजारा आसमान में सबसे साफ दिखाई देगा।
यह मेटीओर शावर या उल्कावृष्टि यूं तो 17 जुलाई से शुरू हो चुकी है मगर 12-13 की रात हर घंटे 100 से 150 रंग-बिरंगे सितारे धरती की तरफ आते दिखेंगे। बनारस के एस्ट्रो ब्वॉय वेदांत पांडेय ने बताया कि इस उल्कावृष्टि को ‘पर्सेड’ नाम देने के पीछे इसकी उत्पत्ति है।
आमतौर पर पृथ्वी के क्षुद्र ग्रहों की कक्षा के नजदीक आने से उल्कावृष्टि होती है। लेकिन इस बार बरसने वाले उल्कापिंड स्विफ्ट टटल नामक धूमकेतू का हिस्सा हैं। इस उल्कावृष्टि को ‘मेटीओर किंग’ भी कहा जाता है क्योंकि इसे खुली आंखों से काफी साफ देखा जा सकता है।
बीएचयू के भौतिक विभाग के डॉ. अभय कुमार सिंह ने बताया कि उल्कावृष्टि के कारण कई हो सकते हैं। पर्सेड इनमें अलग प्रकार का होता है। उन्होंने बताया कि रात के वक्त छत या खुले मैदान से यह नजारा देखा जा सकता है। इसके लिए थोड़ी देर के लिए आसमान की तरफ देखकर आंखों को अभ्यस्त करें। मौसम साफ रहा तो आराम से उल्कावृष्टि देखी जा सकेगी।