मिशन 2024: यूपी के कई सांसदों के कटेंगे टिकट, मंत्रियों-विधायकों पर भाजपा लगा सकती है दांव
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केंद्र में नरेंद्र मोदी को तीसरी बार प्रधानमंत्री बनाने के लिए भाजपा ने अभी से कवायद शुरू कर दी है। यूपी में 30 मई से 30 जून तक बड़ा अभियान चलेगा। इस दौरान कई रैलियां, जनसभाएं और महाजनसंपर्क अभियान भी चलाया जाएगा।

भाजपा का फोकस यूपी की सभी 80 में से 80 सीटों को जीतने पर रहेगा। इसके लिए प्रत्याशियों पर भी मंथन शुरू हो चुका है। कई सांसदों का टिकट काटकर यूपी के मंत्रियों और विधायकों को मैदान में उतारने की तैयारी है। मौजूदा सांसदों का रिपोर्ट कार्ड देखा जा रहा है।

भाजपा का पूरा जोर जिताऊ प्रत्याशियों पर है। फिलहाल यूपी की 12 सीटें ऐसी हैं जिन पर मंत्रियों और विधायकों को उतारने का प्लान तैयार हो चुका है। अगर नाम की बता की जाए तो इनमें सबसे बड़ा नाम पीडब्ल्यूडी मंत्री जितिन प्रसाद का है। उन्हें लोकसभा चुनाव में उतारा जा सकता है। इसके अलावा मथुरा से विधायक पूर्व उर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा को भी लोकसभा चुनाव लड़ाने की तैयारी की जा रही है।

भाजपा सूत्रों की मानें तो पार्टी फतेहपुर, पीलीभीत, लखीमपुर में किसी मंत्री या विधायक को उतारने का पूरा मन बना चुकी है। इसके अलावा बरेली, बलिया, रायबरेली से भी किसी मंत्री या विधायक को मैदान में उतारा जा सकता है। इसी तरह प्रयागराज, उन्नाव और कानपुर के साथ ही देवरिया, गाजीपुर और फूलपुर से भी विधायक या मंत्री को लोकसभा चुनाव लड़ने का मौका मिल सकता है।

पिछले लोकसभा चुनाव में भी भाजपा ने कई मंत्रियों और विधायकों को मैदान में उतारा था। इसका नतीजा रहा कि सपा-बसपा के गठबंधन के बाद भी भाजपा को भारी सफलता मिली थी। उसी प्रयोग को इस बार भी दोहराया जा सकता है। जिन सीटों पर भाजपा ने प्रत्याशी बदलकर किसी विधायक या सांसद को उतारने की तैयारी की है, उनमें से ज्यादातर पर इस समय भाजपा के ही सांसद हैं। कुछ सीटें ऐसी हैं जिन पर भाजपा को सफलता नहीं मिल सकी थी। ऐसे में इन सीटों पर ऐेसे चेहरों को उतारने की तैयारी है जो जनता के बीच पहले से फेमस हों और उनकी छवि भी साफ सुथरी और जिताऊ हो।

कहा जा रहा है कि अगले महीने होने वाले अभियान के दौरान भी कई मौजूदा सांसदों की परीक्षा होगी। जसनभाओं और रैलियों के साथ ही जनसंपर्क अभियानों पर पार्टी संगठन की पूरी नजर रहेगी। मौजूदा सांसद पिछली बार की तरह इस बार भी मजबूत हैं या नहीं यह भी देखने वाली बात होगी। नगर निकाय चुनाव के दौरान अपने इलाके में फेल हो गए कई सांसद भी पार्टी के निशाने पर हैं।

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