फवाद चौधरी ने भी छोड़ी PTI, इमरान खान बोले- गुलाम बनने से अच्छा है मर जाना
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पीटीआई प्रमुख इमरान खान ने बुधवार को कहा कि गुलामी स्वीकार करने से अच्छा मर जाना है। उन्होंने कहा, ‘यह गुलामी जो वे हमसे करवा रहे हैं … जिस तरह से वे गर्दन पकड़ रहे हैं और उन्हें पीटीआई छोड़ने के लिए मजबूर कर रहे हैं।

आप इसके लिए पैदा नहीं हुए थे … जब मुल्क डर के सामने अपना सिर झुकाता है, तो वह मुल्क मर जाता है।” उन्होंने समर्थकों से कहा कि वह उम्मीद नहीं खोएंगे और आखिरी मुकाम तक डटे रहेंगे। इमरान ने कहा, “मैं अपने देश को बताना चाहता हूं कि आपको किसी भी तरह से हार नहीं माननी चाहिए।” इमरान का ये बयान ऐसे समय में आया है जब उन्हें झटका देते हुए उनके करीबी सहयोगी और पूर्व सूचना मंत्री फवाद चौधरी ने बुधवार को पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) पार्टी से इस्तीफा दे दिया। खान के समर्थकों द्वारा नौ मई को सैन्य प्रतिष्ठानों में तोड़फोड़ और आगजनी की घटनाओं के बाद से पीटीआई पाकिस्तान सरकार के दबाव का सामना कर रही है।

इमरान ने अलापा कश्मीर राग

एक बार फिर से इमरान खान ने कश्मीर राग अलापा है। उन्होंने पाकिस्तान की तुलना कश्मीर से करते हुए कहा कि पाकिस्तान हालात भी “वैसे” ही हैं। दरअसल इमरान खान कश्मीर का नाम लेकर पाकिस्तानी जनता को भड़काने की कोशिश कर रहे हैं। पाकिस्तानी सेना कोर कमांडर के घर पर तोड़फोड़ के बाद इमरान खान की पार्टी के पीछे पड़ी है। इस मुद्दे से ध्यान भटकाने के लिए इमरान ने कहा, “यहां तक कि उनके (कश्मीरियों) पास भी मौलिक अधिकार नहीं। आज हम जिस क्रूरता का शिकार हो रहे हैं, वह पिछले 30 वर्षों से लोगों पर थोपी गई है। यहां तक कि उनके पास मौलिक अधिकार भी नहीं हैं। लेकिन जब भी कश्मीरियों को अपनी आवाज उठाने का मौका मिलेगा, वे एकजुट होकर आजादी का नारा लगाएंगे।”

एक के बाद एक पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के करीबी उनकी पार्टी छोड़ते जा रहे हैं। पाकिस्तान की पूर्व मंत्री और इमरान खानी की करीबी सहयोगी शिरीन मजारी ने मंगलवार को पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) पार्टी छोड़ दी थी। बुधवार को एक और पूर्व मंत्री फवाद चौधरी ने पीटीआई छोड़ दी। नेताओं के छोड़ने से भड़के इमरान खान का दर्द बुधवार को छलक आया। ऑनलाइन संबोधन में इमरान खान ने कहा कि दबाव में आकर उनके नेता पार्टी छोड़ रहे हैं।

इंटरनेट कनेक्शन बंद कर दिया गया

पीटीआई के अध्यक्ष इमरान खान ने कहा है कि उनके जमान पार्क स्थित आवास का इंटरनेट कनेक्शन बंद कर दिया गया है। उन्होंने कहा, “मुझे आशा है कि यह बात आप तक पहुंचेगी।” उन्होंने यह दावा किया कि इंटरनेट बंद करने का एकमात्र उद्देश्य मीडिया को नियंत्रित करना था। इमरान खान ने कहा, ”लाहौर कॉर्प्स कमांडर के घर में आगजनी से उन्हें फायदा हुआ है और इसका इस्तेमाल पीटीआई पर कार्रवाई करने के लिए किया गया है… ऐसी कार्रवाई जो देश के इतिहास में कभी नहीं देखी गई। उन्होंने पूरी लीडरशिप को जेल में डाल दिया है और यहां तक कि उन लोगों को भी जो पार्टी का हिस्सा भी नहीं हैं।” उन्होंने कहा, “इससे बचने का एक ही रास्ता है कि वे ‘मैं पीटीआई छोड़ रहा हूं’ जैसे जादुई शब्द बोल दें… क्या यह मजाक है?’

इमरान खान ने कहा कि वर्तमान में, उनके 10,000 से अधिक कार्यकर्ता जेल में हैं। उन्होंने कहा, “उनकी स्थिति बेहद दयनीय है है। उन्हें छोटे पिंजरों में रखा जाता है, अच्छे भोजन और पानी से वंचित रखा जाता है और अपने वकीलों से मिलने नहीं दिया जाता है। उनके साथ ऐसा व्यवहार किया जा रहा है जैसे कि वे देश के विदेशी दुश्मन हैं। यहां तक कि विदेशी कैदियों के पास भी युद्धबंदी का अधिकार होता है।”

अपने घरों में मत रहो, छिप जाओ- इमरान

पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने पूछा है, “कहां हैं हमारे मानवाधिकार? मानवाधिकार और लोकतंत्र के लिए आवाज उठाने वाले कहां हैं? प्रेस की आजादी के लिए आवाज उठाने वाले कहां हैं? तुम्हारा विवेक कहाँ है?” इमरान ने पीटीआई कार्यकर्ताओं, पदाधिकारियों से कहा के वे ‘अपने घरों में न रहें और कहीं छिप जाएं।’ उन्होंने कहा, “मीडिया में प्रचार किया जा रहा है और एकतरफा [नैरेटिव] खेला जा रहा है। हमारे लोग अब मीडिया के सामने आने से डर रहे हैं कि उन्हें पकड़ा जाएगा और जेलों में डाल दिया जाएगा। मैंने अपने लोगों को छिपने के लिए कहा है। मैं अपने कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों से कह रहा हूं कि आपको बाहर आने की जरूरत नहीं है। अपने घरों में मत रहो, छिप जाओ।”

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