पूर्व सांसद और बाहुबली नेता आनंद मोहन की रिहाई पर पहली बार सीएम नीतीश कुमार ने प्रतिक्रिया दी है। उन्होने कहा कि आनंद मोहन की रिहाई कोई नई चीज नहीं है। ये सब पहले भी होता रहा है, ये कोई राजनीतिक चीज नहीं है।
नीतीश कुमार ने मीडिया को इस मौके पर सुशील मोदी और आनंद मोहन की मुलाकात की फोटो और खबरों की प्रिंट कॉपी दिखाकर कहा कि ये फरवरी में रिहाई की मांग कर रहे थे और अब विरोध कर रहे हैं। 2 महीने पहले तक यही बीजेपी आनंद मोहन की रिहाई की मांग करती थी। वहीं आज इसका विरोध कर रही है। ये बात नीतीश कुमार ने सिविल सेवा दिवस कार्यक्रम के बाद अधिवेशन भवन परिसर में मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए कही। आपको बता दें आनंद मोहन की रिहाई को लेकर बिहार में सियासत तेज है।आनंद मोहन को बनाया बलि का बकरा- बीजेपी भाजपा आनंद मोहन की रिहाई को नीतीश सरकार का हथकंडा करार दे रही है। और आनंद मोहन को बलि का बकरा बता रही है। नेता प्रतिपक्ष विजय सिन्हा ने कहा कि नीतीश सरकार ने आनंद मोहन की आड़ में गुंडाराज के पुरोधा रहे 27 अन्य लोगों को भी रिहा करा लिया है। जो बिहार में जंगलराज से गुंडाराज लाएंगे।
जी कृष्णैया के परिवार लड़ेगा हर लड़ाई वहीं इस मामले में जी कृष्णैया की पत्नी और बेटी ने इस मामले में नीतीश सरका से पुनर्विचार करने की मांग की है। साथ ही राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री से भी मामले में हस्तक्षेप करने की अपील की है। यहां सुप्रीम कोर्ट में भी फैसले को चुनौती देने का मन बनाया है। वहीं आनंद मोहन की पत्नी लवली मोहन ने इस अपने पति को निर्दोष बताया है। और कहा कि आनंद मोहन की रिहाई कानून के दायरे में हुई । और अगर जी कृष्णैया का परिवार सच जानना चाहता है तो मैं बताऊंगी।