कर्नाटक चुनाव से पहले BJP में बगावत की आहट, पूर्व सीएम जगदीश शेट्टार पार्टी से खफा
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कर्नाटक किला फतह करने की तैयारी में जुटी भाजपा को मंगलवार को बड़ा झटका लगा। विधानसभा चुनाव से एक महीने से भी कम समय से पहले पार्टी में बड़ी बगावत हो गई है। यहां छह बार के भाजपा विधायक और मुख्यमंत्री जगदीश शेट्टार ने पार्टी का फैसला मानने से इंकार कर दिया है।

उनका कहना है कि पार्टी नेतृत्व ने उन्हें टिकट न देने की बात कही है और दूसरों के लिए रास्ता तैयार करने को बोला है। शेट्टार साल 2012 में कर्नाटक के मुख्यमंत्री रह चुके हैं। गौरतलब है कि कर्नाटक में भाजपा ने अभी तक विधानसभा चुनाव के लिए उम्मीदवारों का ऐलान नहीं किया है।

छह बार के विधायक
जगदीश शेट्टार हुबली से विधायक हैं। वह पूर्व में छह बार विधानसभा चुनाव जीत चुके हैं। 2018 के विधानसभा चुनाव में शेट्टार को 21 हजार वोटों से जीत मिली थी। तब उन्होंने अपने प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस के महेश नलवाड़ को मात दी थी। शेट्टार ने पत्रकारों से कहा कि बीते छह चुनावों में वह लगातार जीतते आ रहे हैं। हार बार उनकी जीत का अंतर 21000 वोटों से ज्यादा रहा है। उन्होंने पूछा कि आखिर मेरी कमी क्या है? गौरतलब है कि भाजपा ने कर्नाटक विधानसभा चुनाव के लिए अभी भी उम्मीदवार घोषित नहीं किए हैं। पार्टी की चुनाव समिति ने पिछले हफ्ते दिल्ली में मीटिंग की थी। इस मीटिंग में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी शामिल थे। सूत्रों के मुताबिक पीएम पहली लिस्ट से खुश नहीं थे और इसमें बदलाव होना तय है।

पूछा-मेरी गलती क्या है
जगदीश शेट्टार का कहना है कि उनका राजनीतिक कॅरियर पूरी तरह से स्थिर है। उन्होंने कहा कि मैं पार्टी नेतृत्व से गुहार की कि मुझे इस बार भी चुनाव लड़ने दिया जाए। शेट्टर ने कहा कि मैं बस एक बात पूछना चाहता हूं। मैंने छह बार जीत हासिल की। अपने राजनीतिक कॅरियर में मैंने कभी झटके नहीं खाए और मेरे ऊपर किसी तरह का कोई आरोप भी नहीं है। फिर आखिर मुझे क्यों दरकिनार किया जा रहा है। शेट्टार ने कहा कि मैं चाहता हूं कि पार्टी मुझे एक बार चुनाव लड़ने दे अन्यथा यह पार्टी के लिए ठीक नहीं होगा। हालांकि उन्होंने यह स्पष्ट नहीं किया कि टिकट न मिलने पर वह निर्दलीय चुनाव लड़ेंगे या नहीं, लेकिन उनके तेवर पूरी तरह से बगावती हैं।

कहा-सर्वे में भी मैं आगे
कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि मैंने भाजपा के प्रति पूरी निष्ठा रखी है। यहां तक कि पार्टी के हालिया आंतरिक सर्वे में भी यह साबित हुआ है कि मैं आगे हूं। लेकिन पार्टी के शीर्ष नेतृत्व की तरफ से आए फोन के बाद मैं बहुत ज्यादा निराश हूं। उन्होंने कहा कि मैं चाहूंगा पार्टी वरिष्ठता का क्रम तय करे। इस बात को लेकर काफी कंफ्यूजन है कि इस बात का फैसला कैसे होगा कि कौन चुनाव लड़ेगा। गौरतलब है कि भाजपा गुजरात की तर्ज पर कर्नाटक चुनाव में भी नए चेहरों को मौका देना चाहती है।

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