
बिहार कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और सांसद अखिलेश प्रसाद सिंह ने कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के ‘नीतीश कुमार के इधर-उधर जाने’ वाले बयान का समर्थन करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सत्ता के लिए भाजपा के पाले में चले गए।
उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार सत्ता बचाए रखने के लिए ही महागठबंधन में भी आए थे और फिर सत्ता के लिए ही भाजपा के साथ चले गए। अभी भी अगर वह भाजपा के साथ हैं तो सत्ता के लिए ही हैं। पटना में पत्रकारों से बातचीत करते हुए उन्होंने केंद्रीय मंत्री और लोजपा (रामविलास) के प्रमुख चिराग पासवान के बिहार में राजनीति करने वाले बयान पर कहा कि बिहार के जितने भी नेता हैं, उन्हें बिहार में आकर राजनीति करनी ही चाहिए। जो भी लोग सामाजिक जीवन में हैं, सबको बिहार की चिंता होनी चाहिए। बिहार लगातार पीछे जा रहा है।
इस साल के अंत में बिहार में होने वाले विधानसभा चुनाव में इंडी गठबंधन में राजद नेता तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री चेहरा नहीं बनाए जाने को लेकर उन्होंने स्पष्ट कहा कि इंडी गठबंधन की बैठक हुई है, जिसमें समन्वय समिति बनाने का निर्णय लिया गया है। इस समिति का प्रमुख तेजस्वी यादव को ही बनाया गया है। सभी ने तो उन्हीं को अपना चेहरा माना है। वही चेहरा भी होंगे।
इधर, भाजपा सांसद निशिकांत दुबे को लेकर दिए गए एक बयान पर उन्होंने कहा कि भाजपा के सांसद ने लोकतंत्र की मर्यादा को तार-तार किया है। उनको इस बयान के लिए माफी मांगनी चाहिए। उन्होंने कहा कि ऐसे बयानों से बचना चाहिए। वक्फ संशोधन कानून के विरोध में पश्चिम बंगाल में भड़की हिंसा और उसके बाद भाजपा के नेताओं के वहां राष्ट्रपति शासन लगाए जाने की मांग को लेकर उन्होंने साफ लहजे में कहा कि पश्चिम बंगाल में भाजपा की दाल नहीं गली, इसलिए राष्ट्रपति शासन लगना चाहिए।