
मन को तरंगित कर देने वाले आंचलिक लोकनृत्य, देशज लोकगीत, भजन गायन की बहुरंगी छटा के बीच संस्कृति का संगम अंतर्गत 14 जनवरी से निरंतर चल रहे यमुना मंच पर सांस्कृतिक कार्यक्रमों को विश्राम दिया गया। यमुना मंच के सांस्कृतिक कार्यक्रमों के समापन अवसर पर मंच प्रभारी और उत्तर प्रदेश लोक एवं जनजाति संस्कृति संस्थान, लखनऊ के निदेशक अतुल द्विवेदी ने सभी दर्शकों का स्वागत करते हुए कहा कि यह उत्सव हमारी सांस्कृतिक विरासत का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जो हमें हमारी जड़ों से जोड़ता है। इस उत्सव में हमने विभिन्न लोक कलाओं, संगीत, नृत्य और नाटकों का आनंद लिया। हमने अपनी सांस्कृतिक धरोहर को सहेजने और संरक्षित करने का संकल्प लिया। इस अवसर पर मैं सभी कलाकारों, संगठनकर्ताओं, सहयोगियों और दर्शकों को धन्यवाद देना चाहता हूं। आपके सहयोग और समर्थन से सभी कार्यक्रम सफल हो सके। उन्होंने अपील किया, आइए हम इस उत्सव की भावना को आगे भी जीवित रखें और अपनी सांस्कृतिक विरासत को आने वाली पीढ़ियों तक पहुंचाएं।
समापन अवसर पर लोक गायक अभय राज यादव, रेखा रानी गौड़, जगदीश यादव, इंदु गुप्ता, रुचिका सिंह, कल्पना गुप्ता, अनिकेत ने लोक गायन एवं भजन तो ऋचा जोशी ने लोक नृत्य, डॉ. आकांक्षा श्रीवास्तव, सिजा रॉय और प्रियांशी झा, ऋचा पाण्डेय सहित वर्तिका तिवारी ने कथक नृत्य से सबका मन मोह लिया। इस अवसर पर सभी कलाकारों एवं सहयोगियों को स्मृति चिन्ह, अंगवस्त्रम एवं प्रमाणपत्र देकर सम्मानित किया गया।