पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी ने बाबा साहेब अंबेडकर पर दिए गये बयान को लेकर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और भारतीय जनता पार्टी पर हमला बोला है. ममता बनर्जी ने बुधवार को सोशल साइट एक्स पर ट्वीट कर कहा कि यह बयान भाजपा की दलित और जातिवादी विरोधी मानसिकता का प्रदर्शन है.इससे पहले तृणमूल कांग्रेस ने केंद्रीय गृह मंत्री के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का नोटिस जमा दिया. पश्चिम बंगाल की सत्ताधारी पार्टी के सांसदों ने भी राज्यसभा से वॉकआउट किया. कांग्रेस ने भी शाह की टिप्पणी पर विरोध जताया है. विपक्षी खेमे के सांसदों ने संसद परिसर में अंबेडकर की तस्वीर के साथ विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया. ‘जय भीम’ के नारे लगाए.
ममता ने शाह पर बोला हमला, कही ये बात
ममता ने दावा किया, ‘जो कुछ हुआ है उसने वास्तव में उनके मुखौटे खोल दिए हैं. दरअसल, यह टिप्पणी बीजेपी की दलित विरोधी छवि का परिचायक है.ममता बनर्जी ने लिखा कि मुखौटा खुल गया है संविधान के 75 साल पूरे होने के अवसर को डॉ अंबेडकर के विरुद्ध अपमानजनक टिप्पणियों से कलंकित करने का निर्णय लिया गया. वह भी बाबा साहेब अंबेडकर पर, वो भी लोकतंत्र के मंदिर में.उन्होंने कहा कि अगर 240 सीटों पर सिमटने के बाद उनका व्यवहार इस तरह का है, तो कल्पना कीजिए कि अगर उनका 400 सीटों का सपना पूरा हो जाता तो उन्हें कितना नुकसान होता. उन्होंने डॉ अंबेडकर का योगदान को पूरी तरह से मिटाने के लिए इतिहास को फिर से लिखा होगा.
देश के लाखों लोगों का है अपमान
उन्होंने कहा कि शाह की टिप्पणी उन लाखों लोगों का अपमान है जो मार्गदर्शन और प्रेरणा के लिए बाबासाहेब की ओर देखते हैं, लेकिन आप उस पार्टी से और क्या आशा कर सकते हैं.उन्होंंने कहा कि डॉ बाबासाहेब अंबेडकर संविधान के जनक हैं, यह अपमानजनक टिप्पणी न केवल उन पर बल्कि संविधान की मसौदा समिति के सभी सदस्यों पर एक सीधा हमला है.बता दें कि बाबा साहेब अंबेडकर पर बयान के बाद विपक्षी पार्टियों के हमले के बाद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भाजपा कार्यालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सफाई दी है और कहा कि उनके बयानों को तोड़-मरोड़कर पेश किया गया है. उन्होंने विपक्षी पार्टियों खासकर कांग्रेस को संविधान विरोधी और अंबेडकर विरोधी करार दिया.