मुंबई महानगरपालिका चुनाव अकेले ताल ठोकेगी सपा, अबू आजमी के ऐलान के बाद शिवसेना UBT ने किया पलटवार
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मुंबई महानगर पालिका (बीएमसी) चुनाव को लेकर राजनीतिक सरगर्मियां तेज हो गई हैं. महाराष्ट्र समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अबू आजमी द्वारा बीएमसी चुनाव अकेले लड़ने की घोषणा ने महाविकास आघाड़ी (एमवीए) के घटक दलों के बीच खलबली मचा दी है. अबू आजमी ने कहा है कि समाजवादी पार्टी नफरत फैलाने वालों के साथ नहीं रह सकती और बीएमसी चुनाव में अकेले लड़कर अपनी ताकत दिखाएगी.अबू आजमी की इस घोषणा पर उद्धव ठाकरे गुट की शिवसेना ने कड़ा पलटवार किया है. शिवसेना (UBT) के नेता और प्रवक्ता आनंद दुबे ने आरोप लगाया कि अबू आजमी की पार्टी भाजपा की ‘बी टीम’ की तरह काम कर रही है. दुबे ने कहा, ‘बीजेपी को सीधे फायदा पहुंचाने के लिए समाजवादी पार्टी यह कदम उठा रही है. वे महाविकास आघाड़ी और इंडिया गठबंधन का वोट काटकर भाजपा को मजबूत करना चाहते हैं.’
शिवसेना (यूबीटी) ने लगाए आरोप
दुबे ने आगे कहा कि मुंबई महानगर पालिका के चुनावों की अधिसूचना अभी जारी नहीं हुई है, लेकिन अबू आजमी पहले ही अकेले लड़ने का ऐलान कर रहे हैं. उन्होंने कहा, ‘अगर सपा को अपनी ताकत पर भरोसा है, तो वह अकेले चुनाव लड़े, लेकिन इसका मकसद साफ है खुद जीतने के बजाय महाविकास आघाड़ी को हराने का काम करना.’
आजमी पर कार्रवाई की मांग
शिवसेना (UBT) ने समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव से अपील की है कि अबू आजमी के खिलाफ कार्रवाई करें. शिवसेना ने कहा कि एमवीए और इंडिया गठबंधन भाजपा के खिलाफ पूरी ताकत से लड़ रहे हैं, लेकिन अबू आजमी जैसे नेता अकेले चुनाव लड़ने की घोषणा करके गठबंधन को कमजोर कर रहे हैं. शिवसेना का कहना है कि इस तरह के रवैये से गठबंधन को नुकसान होगा, जबकि इसका सीधा फायदा भाजपा को मिलेगा.अबू आजमी ने दावा किया है कि समाजवादी पार्टी मुंबई महानगर पालिका चुनाव में स्वतंत्र रूप से प्रदर्शन करेगी और अपने दम पर सीटें जीतेगी. हालांकि, शिवसेना (UBT) ने इस दावे को खारिज करते हुए कहा कि सपा की महाराष्ट्र में बहुत सीमित ताकत है. वहीं शिवसेना ने तंज कसते हुए कहा, ‘सपा की महाराष्ट्र में केवल दो सीटें हैं. अगर वे अकेले लड़ना चाहते हैं, तो स्वतंत्र हैं, लेकिन इससे उन्हें कुछ हासिल नहीं होगा’
बीएमसी चुनाव की अहमियत
मुंबई महानगर पालिका चुनाव महाराष्ट्र की राजनीति में बेहद अहम हैं, क्योंकि यह देश की सबसे अमीर नगरपालिका है. शिवसेना के दोनों गुटों की पारंपरिक पकड़ यहां मजबूत मानी जाती है. एमवीए और इंडिया गठबंधन भाजपा को टक्कर देने के लिए एकजुट हैं. ऐसे में सपा का अकेले चुनाव लड़ने का ऐलान गठबंधन की रणनीति के लिए झटका माना जा रहा है.शिवसेना (UBT) ने यह स्पष्ट किया है कि वे मुंबई में अपनी पूरी ताकत से लड़ेंगे और चुनाव जीतकर शहर के विकास के लिए काम करेंगे. फिलहाल यह देखना दिलचस्प होगा कि सपा का यह फैसला चुनावी परिणामों को कितना प्रभावित करता है.

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