कांग्रेस के भीतर राफेल के बाद अब अडानी पर तनातनी? इन नेताओं की चुप्पी पर उठे सवाल
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2019 में हार के बाद कांग्रेस वर्किंग कमेटी की समीक्षा बैठक में प्रियंका गांधी ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं से सवाल किया था कि मेरा भाई राफेल-चौकीदार चोर पर लड़ता रहा, कितने साथ थे? राहुल के कथन कितनों ने आगे बढ़ाए? अब राहुल गांधी ने अडानी पर गंभीर आरोप लगाए, पर ज्यादातर कांग्रेसियों ने उसे रिट्वीट नहीं किया. इनमें बड़े बड़े नाम हैं, जो गांधी परिवार में चर्चा का विषय है.अमेरिका में अडानी के भ्रष्टाचार के कथित खुलासे के बाद राहुल गांधी ने अडानी की तुरंत गिरफ्तारी और SEBI प्रमुख माधवी बुच को पद से हटाने की मांग की, लेकिन कांग्रेस के वो वरिष्ठ नेता जो दिन रात राहुल गांधी के इर्द-गिर्द नजर आते हैं, उन्होंने सोशल मीडिया पर राहुल की मांग से बड़ी खामोशी से दूरी बना ली.
राहुल के बयान के बाद चुप्पी पर उठे सवाल
इस लिस्ट में मुख्यमंत्री, पूर्व मुख्यमंत्री, AICC के ज्यादातर पदाधिकारी और पार्टी के बड़े नेता हैं, जिन्होंने न तो अडानी पर कोई ट्वीट किया और न ही राहुल गांधी के ट्वीट रिपोस्ट किया.इन नेताओं में वर्तमान राज्यों के मुख्यमंत्री भी हैं. साथ ही अशोक गहलोत (पूर्व मुख्यमंत्री), भूपेंद्र सिंह हुडा (पूर्व मुख्यमंत्री), अजय माकन (कोषाध्यक्ष), जितेंद्र सिंह (महासचिव), राजीव शुक्ला (प्रभारी), भरत सोलंकी (प्रभारी), सुखजिंदर सिंह रंधावा (प्रभारी), देवेंद्र यादव ( प्रभारी), सुखपाल सिंह खैरा (किसान कांग्रेस, अध्यक्ष) गुलाम अहमद मीर (प्रभारी), मुकुल वासनिक (महासचिव), दीपादास मुंशी (महासचिव), मोहन प्रकाश (प्रभारी), अधीर रंजन चौधरी, कमलनाथ (पूर्व मुख्यमंत्री), अभिषेक मनु सिंघवी, दिग्विजय सिंह (पूर्व मुख्यमंत्री) और पी चिदंबरम (पूर्व वित्त मंत्री) जैसे दिग्गज नेता शामिल हैं.
आलाकमान ने प्रदेश कांग्रेस ईकाई को दिए ये निर्देश
कल देर रात तक जब इन नेताओं ने राहुल की प्रेस कॉन्फ्रेंस के मुद्दे को नहीं उठाया, तब लगातार नजर बनाये आलाकमान ने सुबह सभी राज्यों के प्रदेश अध्यक्षों को इसी मसले पर अपने अपने यहां प्रेस कॉन्फ्रेंस करने को कहना पड़ा. उसके बाद कांग्रेस के प्रदेश इकाई की ओर से प्रेस कॉन्फ्रेंस कर ये मुद्दे उठाए गए.

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