भतीजे अजित पवार के खिलाफ पोते युगेंद्र पवार को बारामती विधानसभा सीट से उतारने वाले शरद पवार ने अहम टिप्पणी की है। उन्होंने कहा कि बारामती की जनता युवा नेतृत्व को स्वीकार करेगी। युगेंद्र बारामती विधानसभा क्षेत्र से अपने चाचा अजित पवार के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं।
युगेंद्र पवार ने आज अपना नामांकन पत्र दाखिल किया और इस दौरान शरद पवार और बारामती से सांसद सुप्रिया सुले भी उनके साथ थीं। अजित पवार के खिलाफ उनके मुकाबले चाचा और भतीजा के बीच जंग के दूसरे एपिसोड के तौर पर देख रहे हैं। इससे पहले शरद पवार और अजित पवार खुद टकराव में रहे हैं। यहां तक कि आम चुनाव में सुप्रिया सुले के खिलाफ अजित पवार ने पत्नी को उतार दिया था।
शरद पवार ने मीडिया कहा, ‘आज हम बारामती के युवा उम्मीदवार युगेंद्र पवार का नामांकन पत्र दाखिल करवाने आए हैं। उन्होंने विदेश में पढ़ाई की है, उच्च शिक्षित हैं और प्रशासन एवं चीनी से जुड़े कारोबार से परिचित हैं। पार्टी ने एक युवा को मौका दिया है।’ उन्होंने कहा, ‘मुझे पूरा विश्वास है कि बारामती की जनता इस नई पीढ़ी और नए नेतृत्व को स्वीकार करेगी और उनके पीछे अपनी पूरी ताकत झोंक देगी।’ 20 नवंबर को होने वाले महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में बारामती में युगेंद्र पवार और उनके चाचा एवं उपमुख्यमंत्री अजित पवार के बीच कड़ी टक्कर देखने को मिलेगी।
एनसीपी-एसपी प्रमुख शरद पवार ने कहा कि वह 57 साल पहले अपना नामांकन पत्र दाखिल करने आए थे और तब से इस निर्वाचन क्षेत्र के लोग उन्हें लगातार चुन रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘ऐसा इसलिए होता है, क्योंकि बारामती के लोगों के साथ उनका जुड़ाव है। सभी युवा उम्मीदवारों को मेरा सुझाव है कि लोगों के साथ जुड़ाव बनाए रखें, विनम्र रहें और जनादेश को विनम्रता से स्वीकार करें।’ पार्टी उम्मीदवार युगेंद्र पवार ने कहा कि उन्हें शरद पवार का समर्थन प्राप्त है और वह अपनी जिम्मेदारियों को पूरा करने के लिए पूरी लगन से काम करेंगे।
अपने चाचा अजित पवार से मुकाबला करने की चुनौती के बारे में पूछे जाने पर युगेंद्र ने कहा, ‘मेरे सामने चुनौती से ज्यादा यह देखना जरूरी है कि मेरे पीछे कौन है। हमारे पीछे सबसे अनुभवी राजनेता (शरद) पवार साहब हैं।’ गौरतलब है कि युगेंद्र का भी अजित पवार से वही रिश्ता है, जो अजित का चाचा से है। युगेंद्र पवार अजित के बड़े भाई श्रीनिवास के बेटे हैं।