उत्तर प्रदेश में विधानसभा उपचुनाव को लेकर सियासत गरमा गई है. एक दिन पहले दिल्ली में हुई बीजेपी की बैठक में उपचुनाव को लेकर प्लान सेट कर चुकी है. एक दिन पहले दिल्ली में हुई यूपी बीजेपी नेताओं की हाईकमान के साथ बैठक में उपचुनाव को लेकर चर्चा हुई. बैठक में तय किया गया कि बीजेपी 10 में से 9 सीट पर खुद चुनाव लड़ेगी.
एक सीट आरएलडी को दी जाएगी. बीजेपी का यह फैसला निषाद पार्टी के प्रमुख संजय निषाद को बड़े झटके के रूप में देखा जा रहा है. अब माना जा रहा है कि बीजेपी संजय निषाद को नाराज नहीं करेगी और मझवां सीट का फॉर्मूला कटेहरी सीट से निकाल सकती है.
उपचुनाव को लेकर संजय निषाद ने शुरू से ही दो सीटों की मांग की थी. इसमें एक मिर्जापुर की मझवां सीट है और दूसरी अंबेडकर नगर की कटेहरी है. इस बीच बीजेपी ने 9 सीटों पर चुनाव लड़ने का मन बना लिया. यूपी सरकार में संजय निषाद की पार्टी साझेदार है. खुद भी कैबिनेट मंत्री हैं. ऐसे में माना जा रहा है कि बीजेपी उन्हें नाराज नहीं करेगी. सोमवार को खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने संजय निषाद को अपने आवास पर बुलाया था. दोनों नेताओं के बीच इस मुलाकात के बाद चर्चा है कि बीजेपी दो तो नहीं लेकिन कटेहरी की सीट संजय निषाद को दे सकती है.
संजय निषाद ने मझवां सीट पर भी ठोका है दावा
संजय निषाद ने मझवां सीट पर इसलिए अपना दावा ठोंका था क्योंकि पहले यह सीट उसी के कब्जे में थी. विनोद कुमार बिंद यहां से विधायक थे, लेकिन लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने बिंद को अपने साथ लेकर भदोही लोकसभा सीट से मैदान में उतारा था. विनोद बिंद चुनाव जीतने में सफल रहे. इसके बाद अब मझवां सीट पर उपचुनाव की तैयारी चल रही है. संजय निषाद यह सीट इसलिए छोड़ना चाह रहे हैं क्योंकि यह सीट पहले उनके कब्जे में थी.
कटेहरी सीट की चर्चा इसलिए हो रही है क्योंकि यहां भी उप-चुनाव कराए जाने हैं. 2022 के यूपी विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने कटेहरी और मझवां दोनों सीट संजय निषाद की पार्टी को दी थी. अब संजय निषाद विधानसभा चुनाव का हवाला दे रहे हैं और कह रहे है कि जब विधानसभा चुनाव में दोनों सीट उनके हिस्से आई थी तो उपचुनाव में भी वैसा ही किया जाना चाहिए, लेकिन बीजेपी ने अभी तक हामी नहीं भरी है.
लालजी वर्मा के सांसद बनने के बाद खाली हुई है कटेहरी सीट
अंबेडकरनगर की कटेहरी सीट लालजी वर्मा के सांसद बन जाने के बाद खाली हुई है. 2022 के विधानसभा चुनाव में सपा ने लालजी वर्मा को मैदान में उतारा था, तब उन्होंने जीत भी हासिल की थी. संजय निषाद की पार्टी को हार का सामना करना पड़ा था. लोकसभा चुनाव में अखिलेश यादव ने बड़ा दांव खेलते हुए लालजी वर्मा को संसदीय चुनाव के मैदान में उतार दिया और सपा यह सीट जीतने में सफल भी रही. अब सपा ने उपचुनाव के लिए लालजी वर्मा की पत्नी शोभावती वर्मा को मैदान में उतार दिया है.
संजय निषाद बीजेपी के सामने बार-बार गठबंधन धर्म की बात कर रहे हैं और 2022 की तरह मझवां के साथ-साथ कटेहरी सीट की भी मांग पर अड़े हैं. ऐसे में माना जा रहा है कि संजय निषाद अगर नहीं मानते हैं तो फिर बीजेपी उन्हें कटेहरी की सीट दे सकती है, लेकिन मझवां को लेकर वो कोई समझौता नहीं करेगी. सूत्रों के मुताबिक, बीजेपी मझवां की सीट किसी भी हाल में नहीं छोड़ना चाह रही है.
यूपी में उपचुनाव बीजेपी के नाक का सवाल
उपचुनाव में बीजेपी किसी भी हाल में रिस्क नहीं लेना चाहती है. लोकसभा में हुए नुकसान के बाद उपचुनाव को बीजेपी बूस्टर के तौर पर देख रही है. यही वजह है कि खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ उपचुनाव में लगे हुए हैं और हर सीट का दौरा कर सियासी समीकरण सेट कर रहे हैं और हवा बीजेपी की तरफ मोड़ने में लगे हैं. पार्टी नेताओं का दावा भी है कि बीजेपी उपचुनाव में सभी की सभी सीटों पर जीत दर्ज करेगी. ऐसे में अगर बीजेपी सभी सीटों पर जीत दर्ज करने में सफल रही तो विपक्ष के लिए भी बड़ा झटका साबित होगा और सत्ताधारी नेताओं को पलटवार का मौका मिल जाएगा.