यूपी के बहराइच जिले में खूनी भेड़िए की दहशत बरकरार है। महसी के घाघरा कछार सहित विभिन्न 55 गांवों में करीब ढाई माह से भेड़िए आतंक का पर्याय बना हुआ है। वन विभाग के ड्रोन कैमरे में कैद छह भेड़ियों में से पांच को विभाग ने पकड़ था, लेकिन एक खूनी भेड़िए की तलाश विभाग के लिए चुनौती बनी हुई है।
16 सितंबर को कोलैला गांव से बकरी का शिकार करने के बाद से इसकी लोकेशन नहीं मिल रही थी। 10 दिन साइलेंट मोड में रहने के बाद 10 लोगों को मौत के घाट उतारने वाला खूनी भेड़िया बुधवार की शाम वन विभाग के ड्रोन कैमरे में चहलकदमी करते हुए कैद हुआ।
महसी इलाके में खूनी खेल खेलने वाले पांच खूंखार भेड़िए सिसैय्या चूड़ामणि गांव में ही वन विभाग ने रेस्क्यू किया था। छठे भेड़िए की तलाश में विभाग की टीमें सिसैय्या सहित आसपास के कई गांवों व घाघरा कछार में सर्च ऑपरेशन एवं कांबिंग कर रही हैं। डीएफओ अजीत प्रताप सिंह ने बताया कि 16 सितंबर को कोलैला के राम किशन की बकरी उठाकर विधायक सुरेश्वर सिंह के घर के सामने गन्ने के खेत में घुसा था।
विधायक व तमाम ग्रामीणों के साथ वनकर्मियों की टीमों ने घेराबंदी कर जाल लगाकर हांका लगाया, लेकिन अंधेरे का फायदा उठाकर वह चकमा देकर भाग निकला। तभी से इसकी लोकेशन नहीं मिली थी। बुधवार को यह ड्रोन कैमरे में सिसैय्या चूड़ामणि से चहलारी की ओर जाते हुए दिखा था। तभी से उसे रेस्क्यू करने के लिए कवायद तेज कर दी गई है। उसे शीघ्र पकड़ने के लिए हर संभव उपाय किए जा रहे हैं। शीघ्र सफलता मिलेगी।
बतादें कि बहराइच के महसी तहसील में पिछले 200 दिनों से आदमखोर भेड़ियों का आतंक है। आदमखोर भेड़ियों के झुंड ने अब तक 9 बच्चों समेत 10 को अपना शिकार बनाया है, जबकि 60 से ज्यादा लोग भेड़िए के हमले से घायल हो चुके हैं। वन विभाग का दावा है कि झुण्ड में 6 भेड़िए थे, जिनमे से पांच को पकड़ा गया है।