भारत आज ग्लोबल साउथ की सबसे बड़ी आवाज : राजनाथ सिंह
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अंतर्राष्ट्रीय मंच पर भारत के बढ़ते कद को रेखांकित करते हुए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रूस और यूक्रेन की हाल की यात्राओं का जिक्र किया। उन्होंने भारत को ग्लोबल साउथ की सबसे बड़ी आवाज बताते हुए कहा कि पीएम मोदी एकमात्र वैश्विक नेता हैं जिनकी बात दोनों देशों ने सुनी।

रक्षा मंत्री ने कहा, “भारत आज ग्लोबल साउथ की सबसे बड़ी आवाज बन गया है। हर देश महत्वपूर्ण मुद्दों पर भारत की राय पर विचार करता है और सुनता है। प्रधानमंत्री को हाल ही में राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने रूस के सर्वोच्च नागरिक सम्मान से सम्मानित किया। इसके साथ ही रूस उन 16 देशों में शामिल हो गया है, जिन्होंने हमारे प्रधानमंत्री को अपना सर्वोच्च नागरिक सम्मान दिया है। इन देशों में यूएई, सऊदी अरब, अफगानिस्तान, मालदीव और बहरीन जैसे मुस्लिम देश भी शामिल हैं।”

राजनाथ सिंह ने इस बात पर जोर दिया कि देश ने पिछले 10 साल में ‘महत्वपूर्ण परिवर्तन’ देखे हैं। इनमें आर्थिक सुधारों से लेकर बड़े सामाजिक परिवर्तन तक, सांस्कृतिक पुनरुत्थान से लेकर महत्वपूर्ण राजनीतिक परिवर्तन तक शामिल हैं। उन्होंने सरकार के साथ-साथ इस बदलाव में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए लोगों को श्रेय दिया।

उन्होंने कहा, “पिछले 10 साल इतिहास में बदलाव के दशक के रूप में जाने जाएंगे। हमारे प्रधानमंत्री और सरकार को हमेशा सबसे बड़े ‘परिवर्तन निर्माता’ के रूप में पहचाना जाएगा। भारत बड़े बदलाव की कगार पर खड़ा है। यह भारत को अभूतपूर्व विकास, समृद्धि, सामाजिक सद्भाव और वृद्धि के युग में ले जाएगा।”

रक्षा मंत्री ने 2014 से भारत की अर्थव्यवस्था में हुई वृद्धि की चर्चा की। उन्होंने कहा कि देश की अर्थव्यवस्था की गिनती पहले ‘कमजोर पांच’ में होती थी। आज इसे दुनिया भर में ‘शानदार पांच’ में से एक माना जा रहा है। पिछले वित्त वर्ष के दौरान, भारत की आर्थिक वृद्धि दर 8.2 प्रतिशत थी। यह पिछले वर्ष की सात प्रतिशत की वृद्धि दर से अधिक थी। लगातार दो साल भारत दुनिया की सभी प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में से सबसे तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था रहा है। पिछले 10 साल में भारत 11वीं से पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है। निवेश फर्म मॉर्गन स्टेनली के अनुमान बताते हैं कि भारत 2027 तक तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा।”

राजनाथ सिंह ने कहा कि विकास की तेज गति के बावजूद, देश में मुद्रास्फीति नियंत्रण में है। उन्होंने हाल में जुलाई में जारी आंकड़ों का हवाला दिया, जो दर्शाता है कि खुदरा मुद्रास्फीति दर 3.54 प्रतिशत दर्ज की गई है, जो पिछले पांच वर्षों में सबसे कम है। उन्होंने कहा, “2014 से पहले स्टार्टअप की संख्या 1,000 से भी कम हुआ करती थी। अब यह बढ़कर एक लाख से भी ज़्यादा हो गई है। आज भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा स्टार्टअप इकोसिस्टम है और हर 10वां यूनिकॉर्न भारत में है। भारत के स्टार्टअप इकोसिस्टम को इस साल लगभग एक अरब डॉलर की नई फंडिंग मिलने की उम्मीद है, जो पिछले साल के मुकाबले 25 प्रतिशत अधिक है।”

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