लखनऊ, 3 अगस्त। सी.एम.एस. कानपुर रोड ऑडिटोरियम में आयोजित किए जा रहे तीन दिवसीय ‘इण्टरनेशनल इण्टरफेथ कान्फ्रेन्स के दूसरे दिन आज विभिन्न देशों से पधारे विचारकों, दार्शनिकों, धर्माचार्यों, शिक्षाविद्दों व न्यायविद्दों ने अपने सारगर्भित विचारों द्वारा यह संदेश दिया कि धर्म एकता व शान्ति से रहने की प्रेरणा देता है। विश्व के सभी धर्मों का उद्देश्य विश्व एकता व मानव मात्र में प्रेम का संचार करना है। इण्टरफेथ सम्मेलन में विभिन्न धर्मावलम्बियों की एक मंच पर उपस्थिति ने सर्वधर्म समभाव का अनूठा आलोक बिखेरा। सम्मेलन के दूसरे दिन का शुभारम्भ आज स्कूल प्रार्थना एवं सर्वधर्म प्रार्थना से हुआ। इस अवसर पर सी.एम.एस. प्रबन्धक प्रो. गीता गाँधी किंगडन ने देश-विदेश से पधारे विद्वजनों व धर्माचायों को शाल ओढ़ाकर व स्मृति चिन्ह भेंटकर सम्मानित किया। इस अवसर पर अपने उद्बोधन में प्रो. किंगडन ने कहा कि यह सम्मेलन सी.एम.एस. संस्थापक स्वं. डा. जगदीश गाँधी जी की प्रेरणा से आयोजित हो रहा है, जिनका सर्वधर्म समभाव की भावना पर गहरा विश्वास था। इण्टरनेशनल इन्टरफेथ कान्फ्रेन्स की संयोजिका एवं सी.एम.एस. अशर्फाबाद कैम्पस की प्रधानाचार्या श्रीमती तृप्ति द्विवेदी ने कहा कि यह सम्मेलन विश्व के विभिन्न धर्मों के बीच संवाद कायम कर समाज में एकता, शान्ति व सौहार्द का वातावरण स्थापित करने में प्रयास है।
सम्मेलन के अन्तर्गत दूसरे दिन की परिचर्चा का शुभारम्भ ‘इम्पार्टेन्स ऑफ इण्टरफेथ डायलॉग’ विषय पर पैनल डिस्कशन से हुआ।सम्मेलन में आज जिन प्रमुख हस्तियों ने अपने सारगर्भित विचारों से धर्म के मर्म को उजागर किया, उनमें भृगु पीठाधीश्वर पूज्य गोस्वामी सुशील जी महाराज, राष्ट्रीय संयोजक, भारतीय सर्वधर्म संसद, मौलाना ए आर शाहीन काजमी, जनरल सेक्रेटरी, वर्ल्ड पीस आर्गनाइजेशन, नई दिल्ली, आचार्य विवेक मुनि जी महाराज, फाउण्डर, आचार्य सुशील मुनि मिशन, फादर सेबेस्टियन कोलीथानम, डायरेक्टर, कुष्ठ नियंत्रण एवं उन्मूलन समिति, श्री मराजबान नारीमन जायवाल, जोरास्ट्रियन पारसी सोसाइटी आदि प्रमुख हैं।