कंगना रनौत मेरे साथ नहीं करेंगी फिल्म, चिराग पासवान ने क्यों कही बड़ी बात
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बॉलीवुड में असफल शुरुआत के बाद राजनीति में आए केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान की फिल्मों में वापसी की कोई योजना नहीं है और उन्होंने मजाकिया लहजे में कहा कि वह इतने ‘बुरे अभिनेता’ हैं कि उनकी लोकसभा सहयोगी एवं पहली सह-कलाकार रहीं कंगना रनौत भी उनके साथ दोबारा काम करने के लिए सहमत नहीं होंगी।

समाचार एजेंसी के मुख्यालय में ‘पीटीआई’ के संपादकों के साथ बातचीत में लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) प्रमुख ने कहा कि 2011 में आई उनकी फिल्म ‘मिले ना मिले हम’ असफल रही थी। पासवान ने इस फिल्म में रनौत के साथ अपनी फिल्मी पारी की शुरुआत की थी।

उन्होंने यह भी कहा कि कम-से-कम अगले दो साल तक उनकी शादी करने की कोई योजना नहीं है क्योंकि वह अपना सारा समय राजनीति को देना चाहते हैं, खासकर इसलिए क्योंकि अगले साल बिहार में विधानसभा चुनाव होने हैं। चिराग पासवान ने कहा, ”और मुझे लगता है कि शादी भी एक बहुत बड़ी जिम्मेदारी है। आप सिर्फ अपने काम में व्यस्त रहकर अपने जीवनसाथी के समक्ष यह बहाना नहीं बना सकते कि मेरा काम ही मेरी प्राथमिकता है। अगर आपका काम आपकी प्राथमिकता है, तो अपनी प्राथमिकता स्पष्ट रूप से तय करें।”

उन्होंने कहा, ”मैं अपनी प्राथमिकता के बारे में बहुत स्पष्ट हूं कि मैंने अपने काम से ‘विवाह’ किया है, और अगर मेरे पास अपनी पत्नी के लिए समय नहीं है, तो मुझे इसमें (शादी में) नहीं पड़ना चाहिए।” हिंदी फिल्म उद्योग की प्रमुख अभिनेत्रियों में शुमार रनौत के राजनीति में कदम रखने और हिमाचल प्रदेश के मंडी से लोकसभा चुनाव जीतने के बाद, पासवान की पहली फिल्म फिर से सुर्खियों में आ गई और कई सोशल मीडिया उपयोगकर्ताओं ने कहा कि वे उन्हें फिर से स्क्रीन पर एक साथ देखना चाहेंगे। हालांकि, पासवान ने फिल्म जगत में वापसी की किसी भी संभावना से इनकार किया है।

यह पूछे जाने पर कि क्या वह कभी सिनेमा में वापसी के बारे में सोचेंगे, पासवान ने चुटकी लेते हुए कहा, ”फिर से? नहीं, बिल्कुल नहीं। और मुझे लगता है कि जिसने भी फिल्म (मिले ना मिले हम) देखी है, वह मुझसे सहमत होगा।” उन्होंने मुस्कुराते हुए कहा कि बॉलीवुड में उनके छोटे से कार्यकाल ने उन्हें सिखाया है कि जीवन में क्या नहीं करना चाहिए। पासवान ने कहा कि राजनीति को हल्के में नहीं लिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा, ”मुझे लगता है कि राजनीति के साथ बहुत बड़ी जिम्मेदारी जुड़ी होती है और आप इस पेशे को हल्के में नहीं ले सकते। साथ ही एक सांसद के तौर पर मैं अपने निर्वाचन क्षेत्र के 25 लाख लोगों के प्रति प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से जवाबदेह हूं और एक कैबिनेट मंत्री के तौर पर मेरे ऊपर पूरे देश की जिम्मेदारी है।”

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