बार-बार नियम तोड़ने वाली गाड़ियों का कैंसल होगा रजिस्ट्रेशन,
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यूपी परिवहन विभाग की तीन सदस्यीय समिति ने बुधवार सुबह उन्नाव के पास आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे पर एक दूध के टैंकर से हुई दुखद टक्कर के लिए बस चालक को दोषी ठहराया है। इस दुर्घटना में कम से कम 18 लोगों की मौत हो गई थी जबकि 19 गंभीर रूप से घायल हो गए थे।

दुर्घटना के बाद, आला अधिकारियों ने उन गाड़ियों की पहचान करने का निर्णय लिया है, जो बार-बार नियम तोड़ते हैं ताकि उनका रजिस्टेशन रद्द किया जा सके।

परिवहन आयुक्त सीबी सिंह ने हिन्दुस्तान टाइम्स को बताया कि उप परिवहन आयुक्त (लखनऊ जोन) सुरेंद्र सिंह की अध्यक्षता वाली जांच समिति ने अपनी रिपोर्ट सौंप दी है। अब रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा, “महोबा ARTO में पंजीकृत डबल डेकर बस बिना किसी वैध कागजात के चल रही थी। इसके लिए बस मालिक के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गईहै। जबकि दुर्घटना ड्राइवर की लापरवाही के कारण हुई। यात्रियों के मुताबिक ड्राइवर झपकी ले रहा था।”

जांच समिति के अनुसार बस मंगलवार को बिहार के सीतामढ़ी से चली थी और उसी दिन रात 11 बजे यूपी के गोरखपुर क्षेत्र में प्रवेश की थी। एखलाक ने गोरखपुर में बस की स्टीयरिंग संभाली और बुधवार सुबह करीब साढ़े चार बजे उन्नाव के पास यह दुर्घटना हो गई। इस दुर्घटना में दोनों वाहनों के ड्राइवरों की मौत हो गई। जांच पैनल ने यह भी पाया कि बस के पास सड़क पर चलने की योग्यता, ट्रैक्स बीमा, प्रदूषण, परमिट से संबंधित कोई वैध दस्तावेज नहीं थे। वहीं, 2019 से इसके खिलाफ 80 से अधिक चालान जारी किए गए थे। समिति के अनुसार, दुर्घटना को टाला जा सकता था। अगर बार-बार चालान के बावजूद वैधता समाप्त हो चुके दस्तावेजों पर चलने के लिए बस को जब्त कर लिया जाता।

एआरटीओ को कारण बताओ नोटिस

सुरेंद्र सिंह ने बताया कि बस की बॉडी भी कमजोर थी क्योंकि इसे स्वीकृत डिजाइन और मेक के अनुसार नहीं बनाया गया था। वहीं, रिपोर्ट सौंपे जाने के बाद परिवहन विभाग यूपी में अवैध रूप से चल रही बसों के क्षेत्रों से संबंधित आरटीओ को कारण बताओ नोटिस जारी करने की तैयारी में है। परिवहन आयुक्त ने कहा, “हम गोरखपुर, बस्ती, कानपुर, आगरा, अलीगढ़, गाजियाबाद आरटीओ को नोटिस भेज रहे हैं, जिनके क्षेत्रों से बस चलती थी और वे वाहन के खिलाफ उचित कार्रवाई करने में विफल रहे।”

उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश के सभी आरटीओ को बिना वैध फिटनेस प्रमाण पत्र वाले वाहनों की सूची तैयार करने और ऐसे सभी वाहनों को दो बार एसएमएस अलर्ट भेजने तथा फिटनेस प्रमाण पत्र न कराने पर उन्हें अंतिम नोटिस देने के बाद उनका पंजीकरण रद्द करने को कहा गया है।

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