बिहार में हो रही बारिश में पेड़ों के पत्तों की तरह पुल ढह रहे हैं। सीवान में आज एक ही दिन में तीन पुल ढह गए। तो वहीं पूर्वी चंपारण में 10 फीट लंबा पुल बारिश की भेंट चढ़ गया। जिसके चलते खेत और गांव जलमग्न हो गए हैं।और कई गांवों का संपर्क भी टूट गया है। साथ ही आवागमन भी प्रभावित हुआ है।नेपाल में लगातार बारिश और वाल्मिकीनगर बैराज से पानी छोड़े जाने के बीच बिहार के पूर्वी चंपारण जिले के हर्षडीह ब्लॉक के एक गांव में गंडक नदी की सहायक जमुवा नहर पर बना 10 फीट लंबा बांध बुधवार सुबह ढह गया। हर्षडीह प्रखंड के आधा दर्जन गांवों के निचले इलाकों में पानी घुस गया है।अधिकारियों के मुताबिकत, नहर में भारी दबाव और पानी के तेज बहाव के कारण पूर्वी चंपारण जिले के हर्षिडीह ब्लॉक के मुरारपुर में बांध टूट गया, जिससे कई एकड़ कृषि भूमि जलमग्न हो गई। हर्षिडीह के सर्किल अधिकारी कनक लाल ने कहा कि हम नियमित रूप से बांध पर गश्त कर रहे थे,और कोई दबाव नहीं था।लेकिन अचानक हमें पता चला कि बुधवार सुबह एक जगह पर बांध ढह गया है। बांध टूटने के बाद जमुवा नहर का पानी परसुरामपुर और मुरारपुर गांवों सहित अन्य गांवों में बहने लगा। अधिकारियों ने बताया कि जिले के सिविल और तकनीकी अधिकारी टूटे हुए हिस्से को जोड़ने में लगे हुए हैं।वहीं इससे पहले सीवान में आज ही तीन पुल टूट गए। जिससे गंडक और धमही नदी के किनारे बसे गांवों का संपर्क टूट गया है। इससे पहले बीते 10 दिनों में 6 से ज्यादा पुल टूट चुके हैं। जिसमें बड़े और छोटे ब्रिज भी शामिल हैं। जिसको लेकर सियासत भी तेज हो गई है। विपक्ष लगातार नीतीश सरकार को इस मामले पर घेर रहा है। वहीं पुलों की गिरने की घटनाओं को लेकर नीतीश सरकार ने मुख्य अभियंता की देखरेख में उच्च स्तरीय समिति का गठन किया है। जो 3 दिन में अपनी रिपोर्ट भी सौंपेगी।