सूरजपाल सिंह उर्फ ‘भोले बाबा’ के कहां होने वाले थे दो और प्रोग्राम, खुद को कहलाता था परमात्मा
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हाथरस में सत्संग के दौरान मची भगदड़ में अब तक 121 लोगों के मरने की खबर है। इस हादसे के बाद से ही सत्संग के आयोजक सूरजपाल सिंह उर्फ नारायण साकार हरि के बारे में लोग जानना चाहते हैं कि आखिर यह कौन सा बाबा है, जिसके आयोजनों में इतनी भीड़ जुटती थी।

कहा जा रहा है कि हाथरस के आयोजन में करीब 3 लाख लोग जुटे थे। खुद को नारायण साकार हरि कहलाने वाले सूरजपाल सिंह को उसके अनुयायी उसे हरि परमात्मा भी कहते थे। उसके कार्यक्रमों में सनातन धर्म के किसी भगवान की पूजा आदि नहीं होती थी। इसकी बजाय अनुयायी खुद उसे ही परमात्मा करते थे। इसके अलावा उसकी पत्नी को मातेश्वरी कहा जाता था।

उसके अनुयायियों की ओर से बनाए एक यूट्यूब चैनल ‘Narayan Sakar Hari Bhakti’ पर आयोजनों की पूरी जानकारी दी जाती थी। इसी चैनल पर बताया गया था कि जुलाई महीने में तीन आयोजन होने वाले हैं। इनमें से एक आयोजन कल यानी 2 जुलाई को था। अकसर वह मंगलवार को ही कार्यक्रम किया करता था और इस दिन होने वाले आयोजनों को मानव मंगल मिशन समागम का नाम दिया जाता था। इसी कार्यक्रम में हाथरस में 2 से 3 लाख लोगों की भीड़ जुटी थी। यही नहीं उसके चैनल पर बताया गया था कि जुलाई महीने में ही दो और आयोजन होने हैं।

सूरजपाल सिंह अपने जन्मदिन पर भी भव्य आयोजन करता था और भारी भीड़ जुटा करती थी। अनुयायियों के बीच उसकी पैठ इस कदर थी कि उसकी एक झलक पाने के लिए लोगों में मारामारी होती थी। इसके अलावा उसके पैर छूने के लिए होड़ लगा करती थी। वह अकसर दावा करता था कि यदि मेरी चरण रज यानी धूल आप माथे से लगाएंगे तो सारे संकट दूर हो जाएंगे।

अनुयायियों से कहता था चरण रज लो, दूर होंगे सारे कष्ट

ऐसे ही चरण रज लेने के लिए ही हाथरस में भगदड़ मची थी और फिर व्यवस्था खराब हुई तो इतना बड़ा हादसा हो गया। हर साल वह 14 जुलाई को अपने जन्मदिन पर आयोजन करता था। इस साल सूरजपाल सिंह का प्लान आगरा के शास्त्रीपुरम ग्राउंड में जन्मदिन मनाने का था। इसके अलावा गुरु पूर्णिमा के मौके पर भी वह 21 जुलाई को एक बड़ा आयोजन करने वाला था।

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