यूपी से मंत्री बनाने में PM मोदी ने जातीय समीकरणों को दी तरजीह, ऐसे साधा क्षेत्रवार समीकरण
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मनमाफिक चुनावी नतीजे न आने के बाद भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी टीम में यूपी को खास महत्व दिया है। पहले की अपेक्षा संख्या तो घटी है, मगर मोदी-3.0 में यूपी से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित 11 चेहरे शामिल किए गए हैं।

इसमें सर्वाधिक 5 ओबीसी चेहरे हैं। सहयोगियों के साथ ही सामाजिक समीकरण साधने का पूरा प्रयास किया गया है। पिछली बार यूपी कोटे से 15 मंत्री थे। इस बार यूपी से प्रतिनिधित्व घटकर 11 रह गया है। मंत्रियों की संख्या चार कम हो गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नए मंत्रिमंडल में क्षेत्रीय संतुलन बिठाने पर भी जोर रहा है। पीएम के अलावा सबसे बड़े चेहरे के रूप में राजनाथ सिंह फिर केंद्र में यूपी का प्रतिनिधित्व करेंगे।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नए मंत्रिमंडल में क्षेत्रीय संतुलन बिठाने पर जोर रहा है। पिछली दो सरकारों के मुकाबले इस सरकार में काफी विविधता है। हर वर्ग और क्षेत्र तक पहुंच की व्यापकता इसमें ज्यादा दिखाई दे रही है। पीएम के अलावा सबसे बड़े चेहरे के रूप में राजनाथ सिंह फिर केंद्र में यूपी का प्रतिनिधित्व करेंगे। सहयोगी दल रालोद के जयंत चौधरी और अपना दल की अनुप्रिया पटेल के साथ ही भाजपा कोटे के दो राज्यसभा सांसदों को भी फिर मंत्रिमंडल में जगह दी गई है। भाजपा के हिस्से इस बार महज 33 और एनडीए की झोली में कुल 36 सीटें आई हैं। ऐसे में केंद्रीय मंत्रिमंडल में यूपी की हिस्सेदारी घटने की प्रबल संभावना थी।

यूं भी यूपी में अब 2027 में विधानसभा चुनाव होंगे। बावजूद इसके यूपी को पूरी तवज्जो दी गई है। मोदी-2.0 की बात करें तो उत्तर प्रदेश से प्रधानमंत्री सहित कुल 15 चेहरे शामिल थे। इसमें यूपी कोटे से राज्यसभा सांसद हरदीप पुरी भी शामिल हैं, जिन्हें इस बार भी प्रधानमंत्री मोदी ने अपनी टीम में शामिल किया है। जनरल वीके सिंह को टिकट नहीं मिला था जबकि बीएल वर्मा भी राज्यसभा सदस्य हैं। चुनाव लड़ने वाले दर्जनभर चेहरों में से स्मृति ईरानी सहित सात केंद्रीय मंत्री चुनाव हार गए थे। इस बार लोकसभा चुनावों से मिले सबक के आधार पर भाजपा ने फिर दलितों को साधने के प्रयास के साथ ही अगड़े-पिछड़ों पर ज्यादा फोकस किया है।

सर्वाधिक सीटें जीतने वाले योगी के गोरखपुर को तरजीह
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के गृह मंडल गोरखपुर को केंद्रीय मंत्रिमंडल में प्राथमिकता दी गई है। इसे मंडल की सभी सीटें जीतने के ईनाम के रूप में देखा जा सकता है। गोरक्ष क्षेत्र से टीम मोदी में दो चेहरों को जगह मिली है। इसमें महाराजगंज सीट से जीतने वाले निवर्तमान केंद्रीय मंत्री पंकज चौधरी और बांसगांव सुरक्षित सीट से जीते कमलेश पासवान शामिल हैं। वहीं बेहद खराब नतीजे देने वाले कानपुर-बुंदेलखंड क्षेत्र को इस बार कोई प्रतिनिधित्व नहीं मिल सका है।

पांच ओबीसी चेहरों को जगह
यूपी में इस बार भाजपा के ओबीसी वोटों में छिटकाव की स्थिति देखने को मिली थी। यही कारण है कि सर्वाधिक तरजीह ओबीसी को ही दी गई है। इसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित कुल पांच ओबीसी चेहरे शामिल हैं। महाराजगंज से सातवीं बार जीतने वाले पंकज चौधरी को फिर मंत्री बनाया गया है। पंकज के साथ ही कुर्मी केंद्रित राजनीति करने वाले अपना दल (एस) की प्रमुख अनुप्रिया पटेल को तीसरी बार मंत्रिमंडल में जगह दी गई है। अनुप्रिया की पार्टी ने एक सीट जीती है।

जाट वोटों और किसानों पर भी नज़र
जाट बिरादरी से आने वाले जयंत चौधरी पहली बार केंद्र में मंत्री बनाए गए हैं। जयंत खुद राज्यसभा सदस्य हैं। रालोद ने दो सीटों पर जीत हासिल की है। यह अलग बात है कि रालोद से गठबंधन के बावजूद मुजफ्फरनगर सीट भाजपा हार गई। इस सीट से भाजपा का जाट चेहरा कहे जाने वाले संजीव बालियान मैदान में थे। चौथा ओबीसी चेहरा बीएल वर्मा हैं। राज्यसभा सदस्य बीएल वर्मा लोध जाति का प्रतिनिधित्व करेंगे। उन्हें दोबारा मंत्रिमंडल में शामिल किया गया है।

कमलेश, बघेल के जरिए दलित साधे
भाजपा ने यूपी कोटे से दो दलित चेहरों को केंद्रीय टीम में जगह दी है। पहला नाम आगरा सुरक्षित सीट से चुनाव जीतने वाले एसपी सिंह बघेल का है। बघेल मोदी-2.0 में भी पहले कानून मंत्रालय और फिर स्वास्थ्य राज्यमंत्री थे। वहीं बांसगांव सुरक्षित सीट से लोकसभा चुनाव जीतने वाले कमलेश पासवान को पहली बार केंद्रीय टीम में जगह दी गई है। कमलेश दलितों में पासवान बिरादरी का प्रतिनिधित्व करते हैं। वे वर्ष 2009 से लगातार इस सीट पर चौथी बार जीते हैं।

क्षेत्र और जातिवार प्रतिनिधित्व

1. राजनाथ सिंह-अवध क्षेत्र (ठाकुर)

2. कीर्तिवर्धन सिंह-अवध क्षेत्र( क्षत्रिय)

3. कमलेश पासवान-गोरक्ष क्षेत्र (पासवान, दलित)

4. बीएल वर्मा- ब्रज क्षेत्र (लोधी)

5. एसपी सिंह बघेल-ब्रज क्षेत्र (धनगर, दलित)

6. जितिन प्रसाद-रुहेलखंड (ब्राह्मण)

7. पंकज चौधरी- गोरक्ष क्षेत्र (कुर्मी)

8. अनुप्रिया पटेल- काशी क्षेत्र (कुर्मी)

9. जयंत चौधरी सहयोगी- पश्चिम क्षेत्र (जाट)

10. हरदीप पुरी-राज्यसभा सदस्य (सिख)

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