केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव कराने को लेकर मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने सोमवार को बड़ी जानकारी दी। लोकसभा चुनाव की मतगणना से पहले ब्रीफिंग में उन्होंने कहा, ‘हम बहुत जल्द जम्मू-कश्मीर में चुनाव प्रक्रिया शुरू करेंगे।हम सभी मतदान प्रतिशत से बहुत उत्साहित हैं।’ पोल पैनल चीफ ने कहा कि जम्मू और कश्मीर में 4 दशकों में सबसे अधिक 58.58 प्रतिशत और घाटी में 51.05 प्रतिशत मतदान हुआ है। ये वाकई उत्साहित करने वाले आंकड़े हैं।
बीते मार्च महीने में लोकसभा चुनाव को लेकर तारीखों का ऐलान हुआ था। इस दौरान सीईसी से जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव को लेकर सवाल पूछा गया था। इसके जवाब में उन्होंने कहा था, ‘चुनाव आयोग लोकसभा चुनाव के तुरंत बाद जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव कराने के लिए प्रतिबद्ध है।’ राजीव कुमार से पूछा गया कि जम्मू-कश्मीर में लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ क्यों नहीं कराए जा रहे हैं? उन्होंने कहा, ‘जम्मू-कश्मीर में सभी दलों ने कहा कि विधानसभा चुनाव संसदीय चुनावों के साथ होने चाहिए, लेकिन पूरी प्रशासनिक मशीनरी का कहना था कि ऐसा नहीं हो सकता है।’
जम्मू और कश्मीर में 5 संसदीय सीटें
वहीं, कश्मीर की 3 लोकसभा सीटों पर मतगणना के लिए सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। घाटी में प्रमुख स्थानों पर अतिरिक्त सुरक्षाकर्मियों को तैनात किया गया है। मतगणना मंगलवार को होगी। अधिकारियों ने बताया कि श्रीनगर, बारामूला और अनंतनाग में मतगणना केंद्रों के आसपास त्रिस्तरीय सुरक्षा व्यवस्था की गई है। यह सुनिश्चित किया जाएगा कि कोई अनधिकृत व्यक्ति परिसर में प्रवेश नहीं कर सके। संबंधित निर्वाचन क्षेत्रों में मतदान समाप्ति के बाद से ही उन स्ट्रांग रूम के आसपास कड़ी निगरानी रखी जा रही है, जहां इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) रखी गई हैं। केंद्र शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर की 5 संसदीय सीटों के लिए मतदान 19 अप्रैल से 25 मई के बीच पांच चरणों में हुआ था। मतगणना से पहले निर्वाचन क्षेत्रों के रिटर्निंग अधिकारियों ने चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों, चुनाव एजेंट और राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों के साथ बैठकें की हैं।